केके गौतम के हटते ही जनपद की कई टिकटों पर संकट के बादल

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फर्रुखाबाद: बसपा के जोनल कोआर्डिनेटर के के गौतम के पैदल होते ही जिला बसपा का संतुलन गड़बड़ा गया है। जनपद में बसपा की कई टिकटों पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। नये समीकरणों में कायमगंज के एमएलसी डा. अशोक सिद्धार्थ अचानक महत्वपूर्ण कारक हो गये हैं। गौतम के कृपा पात्रों में गिने जाने वाले सदर, अमृतपुर व भोजपुर के प्रत्याशियों के टिकट पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं।

विदित है कि बुधवार को बसपा के जोनल कोआर्डिनेटर केके गौतम के स्थान पर सेवाराम भारती को चार्ज दे दिया गया है। इसी के साथ जनपद के लिये कन्नौज के अजय भारती को कोआर्डिनेटर बना दिया गया है। केके गौतम व अशोक सिद्धार्थ को बसपा में अलग-अलग खेमों का माना जाता है। अभी तक जनपद में टिकटों के विरतरण में डा. अशोक सिद्धार्थ की उपेक्षा की भी चर्चायें पार्टी के अंदर रही हैं। श्री गौतम के हटते ही डा. सिद्धार्थ के मजबूत होने के आसार नजर आ रहे हैं। इसी के साथ प्रत्याशियों में परिवर्तन की भी चर्चायें तेज हो गयी हैं।

सर्वाधिक उहापोह सदर सीट को लेकर हो रही है। यहां से बसपा से निष्कासित व वर्तमान में  निर्दलीय के तौर पर चुनाव अभियान तेज कर चुके एक प्रत्याशी को, या पूर्व स्वास्थ्य मंत्री अंटू मिश्रा को टिकट मिलने संभावनायें बढ़ गयी हैं। अमृतपुर विधान सभा सीट पर हाल ही में टिकट कटा चुके पूर्व विधायक कुलदीप गंगवार के नाम पर दोबारा विचार किये जाने की चर्चाओं के बीच जिला पंचायत सदस्य राघवेंद्र मिश्रा की भी दावेदारी मजबूत मानी जा रही है। दोनों ही मामलों में सोशल इंजीनियरिंग को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। श्री गंगवार से जनपद के कुर्मी मतों को साधने का तर्क है तो राधवेंद्र मिश्रा का तर्क ब्राह्मण वोटों को पार्टी के पक्ष में गोलबंद करने का है। भोजपुर विधान सभा सीट पर भी उद्योग पति मन्नी सिंह व एक गुमनाम से दावेदार राधेश्याम के नाम आगे चल रहे बताये जा रहे है।