शाहजहांपुर/गोरखपुर। करीब पांच वर्षो तक पूरे भौकाल और तामझाम के साथ जनता के बीच जाने वाले मंत्री उसी जनता के बीच फफक-फफक कर रो पडे़ और पूछने लगे की मंत्री पद से हटाने के लिए आखिर उनका दोष क्या है।
पिछली 25 दिसम्बर को पिछडा़ कल्याण विभाग के मंत्री पद से हटाए गए अवधेश कुमार वर्मा आज अपने निर्वाचन क्षेत्र शाहजहांपुर के गदरौल में थे। करीब पचास समर्थकों के बीच वर्मा आते ही फफक-फफक कर रोने लगे और सभी से पूछने लगे की आखिर उन्हें मंत्रिमण्डल से क्यों हटाया गया। उनका दोष क्या था।
उनके समर्थकों ने उन्हें ढांढस बंधाया। उन्ही के मफलर से उनके आंसू पोछे। उन्होंने समर्थकों से रोते-रोते कहा कि उनके खिलाफ न तो लोकायुक्त के यहां जांच चल रही थी और न ही कोई नोटिस दी गई। इसके बावजूद उन्हें सीधे बर्खास्त कर दिया गया।
गदरौला से दूसरी बार विधायक वर्मा का बहुजन समाज पार्टी से चुनाव लड़ना भी संदिग्ध है। क्षेत्र में इनके भारतीय जनता पार्टी से चुनाव लड़ने की अटकले हैं। सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री मायावती के सर्वे में वर्मा का हारना तय था इसलिए इनका टिकट काटा गया तथा मंत्रीपद से हटा दिया गया।
वनमंत्री रहे फतेह बहादुर सिंह का भी कमोवेश यही हाल है। 30 दिसम्बर को मंत्रीपद गंवाने के बाद अपने समर्थकों के बीच पहली बार पहुंचे सिंह अत्यंत भावुक हो उठे और उनकी आंखों से आंसू छलक गए। गोरखपुर जिले के कैम्पियरगंज के अपने आवास पर अपने समर्थकों को उन्होंने आगामी रणनीति के लिए बुला रखा था। समर्थकों के बीच आते ही वह रो पडे़ उनका कहना था कि उन्हें बिना कारण हटाया गया है।
समर्थकों ने उनसे चुनाव लड़ने का आग्रह किया। किसी दल से टिकट न मिलने पर निर्दलीय ही मैदान में कूदने के लिए कहा गया।