अधिसूचना से टीईटी परीक्षा उत्तीर्ण अभ्यर्थी मायूस

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अचानक विधानसभा चुनाव की अधिसूचना जारी हो जाने से शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) उत्तीर्ण छात्रों की नौकरी अधर में लटक गई है। इससे सबसे ज्यादा नुकसान वर्ष 2004 के बीटीसी के दूसरे बैच को उठाना पड़ा।
विदित है कि वर्ष 2004 के छात्र-छात्राओं ने जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान चरखारी से बीटीसी प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए वर्ष 2009 में प्रवेश लिया था। 50% प्रशिक्षार्थियों का परिणाम जुलाई 2011 में आ जाने से उनकी विद्यालयों में नियुक्ति हो गई लेकिन उनके शेष साथियों की चौथे सेमेस्टर की परीक्षा देर से होने के कारण उनका परीक्षा परिणाम भी देर में आया। तब तक शासन द्वारा टीईटी परीक्षा पास होने की अनिवार्यता को पेंच फंस गया। इससे इन बीटीसी प्रशिक्षुओं की विद्यालयों में नियुक्ति नहीं हो सकी। बीटीसी उत्तीर्ण छात्र-छात्राओं ने टीईटी परीक्षा दी जिसमें आधे बीटीसी प्रशिक्षु फेल हो गए जिससे उनकी नौकरी अधर में लटक गई। इधर आधे उत्तीर्ण हुए प्रशिक्षुओं को नौकरी की आस बंधी थी लेकिन अधिसूचना जारी होने से उनके लिए भी अब मुश्किलें बढ़ गई हैं।
दिसंबर 2011 में हुई टीईटी परीक्षा में उत्तीर्ण बीएड, बीटीसी और मोअल्लिम-ए-उर्दू डिग्री धारकों को नौकरी की आस बंध गई थी। कारण, शासन ने दिसंबर के अंतिम सप्ताह में नियुक्ति करने के आदेश दिए थे लेकिन अचानक विधान सभा चुनाव की अधिसूचना ने टीईटी उत्तीर्ण छात्राओं के सपनों पर भी पानी फेर दिया।