लखनऊ। उत्तर प्रदेश के लघु उद्योग मंत्री चन्द्रदेव राम यादव को हटाए जाने की सिफारिश के साथ ही लोकायुक्त न्यायमूर्ति (अवकाश प्राप्त) एन के मेहरोत्रा ने अब तक 12 मंत्रियों की बर्खास्तगी की सिफारिश की जिसमें से मुख्यमंत्री मायावती ने 11 को बाहर का रास्ता दिखा दिया।
यादव के खिलाफ मंत्री पद पर रहते हुए अपने गृह जिले आजमगढ के एक स्कूल से प्रधानाध्यापक का तनख्वाह लेने का भी आरोप है। मंत्री ने दो दिन पहले लोकायुक्त समक्ष पेश होकर अपनी गलती स्वीकारी थी। इसके बाद कल देर शाम मेहरोत्रा ने इन्हें हटाने की सिफारिश मुख्यमंत्री से कर दी। इनके ऊपर भ्रष्टाचार से जुड़े कई अन्य आरोप भी हैं।
लोकायुक्त की सिफारिश पर अब तक बर्खास्त किए गए मंत्रियों में धर्मार्थ कार्य मंत्री राजेश त्रिपाठी, दुग्ध विकास मंत्री अवधपाल सिंह यादव, श्रम मंत्री बादशाह सिंह, माध्यमिक शिक्षा मंत्री रंगनाथ मिश्र, अंबेडकर ग्राम्य विकास मंत्री रतन अहिरवार, कृषि शिक्षा मंत्री राजपाल त्यागी, उच्च शिक्षा मंत्री राकेशधर त्रिपाठी, डॉ. यशपाल सिंह अतिरिक्त ऊर्जा मंत्री अकबर हुसैन, पिछला कल्याण मंत्री अवधेश वर्मा और प्रांतीय रक्षादल मंत्री डॉ. हरिओम शामिल है।
इनके अलावा मायावती ने दस और मंत्रियों को विभिन्न आरोपों में मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखाया। जिनमें मुख्य रूप से परिवार कल्याण मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा, स्वास्थ्य मंत्री अनंत मिश्रा, खाद्य प्रसंस्करण मंत्री आनंदसेन यादव, मत्स्य मंत्री जमुना निषाद और अशोक दोहरे शामिल हैं।
इसके अतिरिक्त राज्य के लोक निर्माण और सिंचाई मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी, परिवहन मंत्री रामअचल राजभर, राजस्व मंत्री फागू चौहान समेत करीब 12 मंत्रियों के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायतें लोकायुक्त को मिली हैं। जिनमें कुछ के खिलाफ जांच चल रही है।