फर्रुखाबादः फर्रुखाबाद स्थापना की 298वीं जयंती के अवसर पर 15वें फर्रुखाबाद महोत्सव के उपलक्ष में आज नबाव बंगश खां के मकबरे पर फूल चढ़ाकर समस्याओं पर विचार विमर्श किया गया।
फर्रुखाबाद महोत्सव के प्रमुख आयोजक रामकृष्ण राजपूत ने बताया कि गंगा तट की विश्रांतों एवं फर्रुखाबाद की प्राचीन इमारतों, शहीद स्थलों तथा पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने हेतु फर्रुखाबाद महोत्सव 2011 का आयोजन 4 जनवरी से किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में मुन्ना लाल राठौर का आल्हा, डाडिया, कठपुतली, ढोला, जादू, झांकियां, लजीज व्यंजन, झूले के अलावा रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किये जायेंगे। यह महोत्सव 27 दिसम्बर 2011 से 8 जनवरी 2012 तक चलेगा।
फर्रुखाबाद के संस्थापक नबाव बंगश खां की मजार तक जाने को रास्ता नहीं
बंगश खां की मजार पर फूल चढ़ाने के बाद मजार तक जाने के लिए रास्ते का मुद्दा प्रमुखता से छाया रहा। आमिर साबरी ने मजार की प्रसिद्धि गिनाते हुए कहा कि फर्रुखाबाद जिला बंगश खां ने ही बसाया था। इसके बावजूद आज इस मकबरे की सरकार द्वारा अनदेखी की जा रही है। इस पर समाजसेवी संस्थाएं आगे आंदोलन करेंगीं। इस दौरान जे पी सिंह, चेतराम शाक्य चंदन, बंटी यादव, शफी खान, हरिओम शाक्य, डा0 करीम खां आदि लोग मौजूद रहे।