माध्यमिक शिक्षा परिषद ने हाईकोर्ट के आदेश के बाद शिक्षक पात्रता परीक्षा का परिणाम गुरुवार को संशोधित कर दिया है। इस संशोधन से पूरा परीक्षा परिणाम प्रभावित हुआ है। प्राथमिक स्तर में अभ्यर्थियों को 1 से 6 अंकों का फायदा पहुंचा है, जबकि उच्च प्राथमिक स्तर में 1 से 10 अंकों का लाभ हुआ है। इस संशोधन से किसी भी अभ्यर्थी को अंकों का नुकसान नहीं हुआ है। परिषद ने संशोधित परीक्षा परिणाम यूपीटीईटी2011.कॉम पर अपलोड कर दिया है।
हाईकोर्ट ने टीईटी के घोषित परिणाम में अभ्यर्थियों की आपत्तियों के निस्तारण का विगत 17 दिसंबर को यूपी बोर्ड को निर्देश दिया था। न्यायालय ने कहा था कि अभ्यर्थी मात्र 100 रुपये प्रोसेस फीस देकर अपनी शिकायत 15 दिनों में दर्ज कराएं। न्यायालय ने स्पष्ट किया था कि पूर्व में सफल अभ्यर्थियों के चयन पर इसका प्रभाव नहीं पड़ेगा परंतु अंक बढ़ने पर उसका लाभ अवश्य मिलेगा।
यही नहीं न्यायालय ने निर्देश दिया था कि बी सीरीज के प्रश्न संख्या 125 के उत्तर में विकल्प बी व सी दोनों सही हैं, इसलिए दोनों विकल्पों पर अंक दिया जाएं। बी सीरीज के प्रश्न संख्या 142 पर ए व डी विकल्प चुनने वालों को भी अंक दिए जाएं। बोर्ड सूत्रों के मुताबिक अभी तक आई सभी आपत्तियों को निस्तारित कर दिया गया है। इसमें से प्राथमिक स्तर में 3 प्रश्न ऐसे हैं जो गलत थे। इसके अलावा पांच प्रश्नों के विकल्प को बोर्ड ने बाद में बदला था। इसमें से दो कॉमन थे। हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन में बोर्ड ने कुल छह प्रश्नों के एवज में अभ्यर्थियों को अंक दिए हैं। इसी तरह उच्च प्राथमिक में कुल 10 प्रश्नों के विकल्प को बोर्ड ने बदला था, जिसके एवज में सभी अभ्यर्थियों को 1 से 10 अंकों का फायदा हुआ है। फिलहाल जो अभ्यर्थी आवेदन कर चुके हैं उन पर बोर्ड का क्या निर्णय होगा, इस पर अभी भ्रम बना हुआ है।
माध्यमिक शिक्षा परिषद के निदेशक संजय मोहन ने का कहना है कि यह अंतिम परिणाम है। इसके बाद कोई संशोधन नहीं किया जाएगा। अब अभ्यर्थियों द्वारा मिल रहीं आपत्तियां निस्तारण के लायक नहीं हैं। लिहाजा अब किसी संशोधन की गुंजाइश नहीं है। हालांकि उन्होंने कहा कि अभ्यर्थियों से एक जनवरी तक आपत्तियां स्वीकार की जाएंगीं