टिकेट की दौड़ में मेजर, प्रांशु, विजय और उमर खान

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फर्रुखाबाद: माया का उदघोश, चुनाव आयोग का आदेश और पार्टी की कृपा द्रष्टि इन तीन मंत्रो के चक्कर में इन दिनों नेता चकरघिन्नी बने हुए है| मीडिया नेताओ और रिपोर्टर की सूची बना रही है, जिन नेताओ को टिकेट मिल गयी वे कार्यकर्ताओं की सूची बनाने में मस्त है और जिन्हें नहीं मिली या कट गयी वे जुगाड़ की सूची बना रहे हैं| प्रदेश में इन दिनों चारो तरफ सूची ही बन रही है| चुनाव आयोग मतदाता की सूची, नेता वोटरों और समर्थको की सूची, अफसर निर्वाचन कर्मिओ की सूची और पार्टी प्रत्याशियो की सूची बना रहा है|

इन सब के बीच हर कोई अपना नाम इन सूचिओं में ढूंढ रहा है| फर्रुखाबाद में भी नेताओ के नाम इन सूचिओ में तलाशे जा रहे हैं| जिनके नाम कहीं नहीं है उनके भी नाम मीडिया में सुर्खियाँ बना रहे हैं| हर नुक्कड़ पर चर्चा बस टिकेट की है| जिन्हें टिकेट मिल गयी है वे नेता अपनी जेब में एक बना बनाया प्रेस नोट डाल कर घूम रहे हैं| जिन्हें टिकेट नहीं मिली वे लखनऊ दिल्ली के चक्कर काट रहे हैं| खबर है की भारतीय जनता पार्टी और बहुजन समाज पार्टी में कई टिकेट नए हो जायेंगे| कभी कभी तो टिकेट कन्नौज से भी बटने की खबर आ जाती है| नई खबर है कि अब विजय के लिए हाथी या कहें कि हाथी के लिए विजय का विकल्प ताबूत की आखिरी कील साबित हो जायेगा| मैडम का खाली मैदान कई सवाल छोड़ गया| उस्ताद ने अम्रतपुर का प्रस्ताव ठुकरा दिया है| टिकेट तो बस नगर से चाहिए| किसी के पास मुस्लिम वोट बैंक का झटका, किसी के पास दलित का, कोई हिन्दू कार्ड खेलने की जुगाड़ में तो कोई खेत खलिहान के किसान के साथ होने का दावा कर रहा है मगर उस्ताद तो मिक्स वेजिटेबल के साथ पापड़ का शौक़ीन है| पेट में कुछ हो न हो मगर पडोसी को खाने का एहसास पापड़ ही कराता है| पूरी प्लेट पर ऐसे फ़ैल के बैठता है जैसे … बस अब मुह न खुलवाओ|

अब बात भारतीय जनता पार्टी की कर लो| चार में से एक टिकेट रोक ली| भाई क्यूँ रोक ली| बचपन में नानी सोते समय किस्सा सुनाती थी कि बिल्ली लडती रही बन्दर ने हिस्सा खाया था| मगर मियां यहाँ तो उल्टा पुल्टा लग रहा है| एक जानकर ने बताया कि पार्टी ने फर्रुखाबाद की टिकेट को बी श्रेणी में रख दिया है| पता करो ये बी श्रेणी की टिकेट क्या होती है? सूत्रों से पता चला है कि इस सीट पर अब चार दावेदार हो गए है| कायमगंज से मैडम ने दावा ठोक दिया| रजनी, मेजर और प्रांशु तो पहले से ही लाइन में थे| पार्टी कहती है कि घर की बात घर से बाहर नहीं आनी चाहिए| हम कहते है बिलकुल नहीं आनी चाहिए| खबर है पार्टी के सर्वे में प्रांशु भारी पड़ रहे है| मगर मेजर की पहुच के मुकाबले प्रांशु अभी उन्नीस पड़ रहे है| तजुर्बेदार कहते है जल्दी कर लो मियां समझौता वमझौता कहीं ऐसा न हो कि “घर की बात” बाहर आने की जगह टिकेट ही बाहर आ जाए|

नयी झन्नाटेदार खबर ये है कि नयी नवेली विधानसभा भोजपुर में मियां उमर नया गणित बिठा रहे हैं| मियां नसीमुद्दीन के बहुत निकट हैं| और इन दिनों उन्ही (वही बचे है…) की चल रही| पार्टी मुसलमान को टिकेट देकर एक तीर से दो शिकार करने की जुगाड़ में है| खबर है कि आज इस मसले पर बात कुछ ज्यादा ही आगे बढ गयी है….|