फर्रुखाबाद: विदेशी निवेश पर कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी अभी भी अपनी जिद बरक़रार रखे हैं| फर्रुखाबाद के भोजपुर विधानसभा क्षेत्र की सभा में आलू की बर्बादी का ठीकरा विपक्ष के सिर फोड़ा| उन्होंने कहा कि कहा ‘किसान पसीना बहाता है उसका आलू दो रुपये किलो बिकता है पर चिप्स का पैकेट दस रुपये में मिलता है’। यह अतंर मिटाने को एफडीआई ला रहे थे, लेकिन विपक्ष नहीं चाहता कि किसान का भला हो। राहुल ने कहा जैसे विरोध के बाबजूद हम मनरेगा लाये, वैसे ही ऍफ़डीआई को भी जरुर लायेंगे|
जहानगंज में हुई सभा में आलू की बात कर राहुल ने किसानों से जुड़ने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि साठ प्रतिशत सब्जी सड़ जाती है। एफडीआई आने से किसान अपना आलू सीधा फैक्ट्री को बेच सकेगा। अभी कई बिचौलियों के बाद आलू मार्केट में पहुंचता है। एफडीआई से फैक्ट्रियां गांव में पहुंचेगीं। बीस वर्ष पहले राजीव गांधी ने कंप्यूटर व मोबाइल की बात कही थी, तब भी विपक्षी नेताओं ने उनका मजाक बनाया था। आज एफडीआई पर भी हंस रहे हैं, लेकिन मैं इसको लाकर रहूंगा। ‘मैं जो एकबार ठान लेता हूं, उसको करके ही छोड़ता हूं’। विपक्ष को अच्छा काम सही नहीं लगता है। एफडीआई, सर्व शिक्षा हो या मनरेगा सभी का विरोध होता है। कहते हैं पैसा कहा से आयेगा। पर पैसा भी आया, रोजगार भी मिला और किसान का कर्ज भी माफ हुआ।