फर्रुखाबाद: पूरे जनपद में फतेहगढ़ स्थित वीएलएम अस्पताल के अतिरिक्त ऐसा कोई अस्पताल नहीं है जिसके पास अग्नि शमन विभाग द्वारा लाइसेंस/अनापत्ति प्रमाण पत्र हो| ऐसे में अगर कलकत्ता के आमरी अस्पताल जैसी घटना हो जाए तो इसका कौन जिम्मेदार होगा?
विदित है कि दो दिन पूर्व ही कलकत्ता स्थित आमरी अस्पताल में अग्निकांड से अस्पताल प्रबन्धन द्वारा मरीजों की सुरक्षा को लेकर की जा रही लापरवाही की पोल खोल कर रख दी| इस अग्निकांड में करीब ९० मरीजों ने अपनी जान से हाँथ धो दिए| जनपद फर्रुखाबाद में कभी भी आमरी अस्पताल जैसी घटना हो सकती है|
कलकत्ता स्थित आमरी अस्पताल अग्निकांड को देखते हुए अग्निशन विभाग से जानकारी की गयी तो पता चला कि जनपद में एक को छोड़ कर किसी भी अस्पताल या नर्सिंग होम के पास अग्नि शमन विभाग द्वारा लाइसेंस/ अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं है| जिला अग्निशन अधिकारी आरके बाजपेयी ने बताया कि जनपद में फतेहगढ़ स्थित डॉ विशाल अग्रवाल के वीएलएम अस्पताल के ही पास लाइसेंस है| इसके अलावा शहर व आवास विकास में कई ऐसे नर्सिंग होम व अस्पताल है जिनके पास लाइसेंस नहीं है|
श्री बाजपेयी ने बताया कि १५ मीटर से अधिक ऊँचाई के अस्पतालों को अग्नि शमन विभाग अपने स्तर से सीधे नोटिस दे सकता है परन्तु इससे कम ऊँचाई के अस्पतालों के विषय में नियत प्राधिकारी के स्तर पर ही कार्रवाई किये जाने का प्रावधान है|
इस मामले पर नगर मजिस्ट्रेट भगवान् दीन ने बताया कि अस्पताल/नर्सिंग होम को लाइसेंस मुख्य चिकित्साधिकारी द्वारा दिया जाता है| इसलिए इस भवनों में सुरक्षा मानकों का पालन सुनश्चित करने की जिम्मेदारी भी उन्ही की है| नियत प्राधिकारी तो केवल भवन निर्माण हेतु मानचित्र को ही स्वीकृत प्रदान करता है|
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ कमलेश कुमार ने बताया कि उन्होंने अपने स्तर से अस्पतालों में सुरक्षा मानकों की समीक्षा करने का निर्णय लिया है| सरकारी अस्पतालों में इसका निरीक्षण वह स्वयं करेंगे| निजी अस्पतालों व नर्सिंग होमों का भी इस सम्बन्ध में अग्नि शमन विभाग का अनापत्ति प्रमाण प्रस्तुत करने के लिए नोटिस दिया जाएगा| उन्होंने बताया कि अस्पतालों नर्सिंग होमों की एक सूची अग्नि शमन विभागों को भेजी जायगी|