निकाय चुनाव को लेकर सरकार सुप्रीम कोर्ट की शरण में

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निकाय चुनाव को लेकर हाईकोर्ट के आदेश पर राहत पाने के लिए राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट की शरण में पहुंच गई है। राज्य सरकार की ओर से विशेष सचिव नगर विकास विपिन कुमार द्विवेदी ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल कर दी है। याचिका में सरकार ने आरक्षण प्रक्रिया पूरी करने के लिए दो माह का समय मांगा है।

विदित है कि हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने राज्य सरकार को निकाय चुनाव कराने के लिए 19 दिसंबर तक अधिसूचना जारी करने के निर्देश दिए हैं। राज्य सरकार निकाय चुनाव कराने के लिए और समय चाहती है। इसीलिए हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की गई है। एसएलपी में राज्य सरकार ने कहा है कि सीटों एवं वार्डों का आरक्षण संवैधानिक व्यवस्था है। इसे पूरा करने में दो माह का समय लग जाएगा। उसे यह समय दिया जाए।

 

चूंकि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पहले 2011 की जनगणना पर चुनाव कराने के आदेश दिए थे। इसलिए आरक्षण की प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी थी। प्रदेश के 75 जिलों में 12 हजार वार्ड हैं। 630 निकायों में 13 नगर निगम, 194 नगर पालिका परिषद और 423 नगर पंचायतें हैं। एसएलपी दाखिल किए जाने के बाद निकाय चुनाव को लेकर सभी की निगाहें सुप्रीम कोर्ट पर टिक गई है।