उत्तर प्रदेश प्रशासनिक व्यवस्था बिलकुल ही सड़क छाप हो चली है| सरकार के अफसर जनता के लिए नहीं बल्कि सत्ताधारी दल के लिए काम करते करते अपनी जिम्मेदारिओं को भूल चुके हैं| केवल सत्ताधारी दल की सरकार की इज्जत बचाने की खातिर उत्तर प्रदेश के अफसर आम जनता की सुविधा और कानून की परवाह किये बिना सब कुछ सफ़ेद स्याह करने पर तुले हैं| ताजे मामले में उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद् के अधिकारिओ और बाबुओं ने ये कारनामा कर दिखाया है| उत्तर प्रदेश में अध्यापक पात्रता परीक्षा 2011 में लापरवाही और जल्दबाजी के चक्कर में जबरदस्त गलतियाँ हुई और अब नाकामी छुपाने के लिए सरकारी वेबसाईट से वो सभी जानकारी ही हटा दी गयी जिससे जनता नयी शिकायत ही न कर सके|
उत्तर प्रदेश में अध्यापक पात्रता परीक्षा 2011 कराने के लिए uptet2011.com वेबसाईट बनायीं गयी| UPTET सम्पन्न कराने का काम उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद् इलाहाबाद को सौपा गया या यूं कहें की इस काम में बड़ी धनराशी के आय व्यय की सम्भावना के चलते माध्यमिक शिक्षा परिषद् के कारिंदों ने इस काम को लपक लिया| वेबसाईट भी प्राइवेट हाथो में सौप दी गयी जबकि NIC इस काम को कर सकता था| पोर्टल के लिए .कॉम चुना गया जबकि सरकारी काम के नाते .gov.in भी मुफ्त में मिल सकती थी| खैर ये तो छोटी मोटी अनियमितताएं थी| मगर परीक्षा का पूरा काम एक प्राइवेट कम्पनी को सौपा गया जिसने अपनी वेबसाईट की हिटिंग बढ़ाने के लिए जानबूझ कर गलतियाँ की ताकि अधिक से अधिक बार परीक्षार्थी वेबसाईट पर आये और वेबसाईट की हित्तिंग बढ़ सके| वेबसाईट से answar sheet हटा दी गयी| मगर इन सब के बीच माध्यमिक शिक्षा परिषद् की मुसीबते बढ़ने लगी| माध्यमिक शिक्षा परिषद् की वेबसाईट upmsp.nic.in पर उपलब्ध अधिकारिओ के नाम पते और फोन नंबर को खोज कर परीक्षार्थियो ने घंटी बजाना शुरू किया तो माध्यमिक शिक्षा परिषद् के सचिव से लेकर बाबू तक की जानकारी हटा दी गयी| अब इस वेबसाईट से वो अब जानकारी हटा दी गयी जिससे आम आदमी उत्तर प्रदेश के इस सबसे नाकाम और चोर टाइप विभाग से सम्पर्क न कर सके| देखें तस्वीरो में-