फर्रुखाबाद: थाना अमृतपुर के निवासी दामोदर कठेरिया की ३० वर्षीय विकलांग पत्नी सरला देवी कठेरिया का अस्पताल की लापरवाही के चलते गेट पर प्रसव हो जाने के बाद भी सूचना मिलने के करीब आधा घंटे बाद डाक्टर व कर्मचारी ने उसका हालचाल लेना मुनासिव समझा|
प्रसूता सरला के विकलांग पति दामोदर कठेरिया ने बताया कि शाम करीब ५ बजे सरला को प्रसव पीड़ा की शिकायत हुयी| जिसकी जानकारी हमने गाँव की आशा माल्ती सक्सेना को दी| आशा के कहने पर हम लोगों ने पड़ोस के टैक्सी चालक रवि की टैक्सी पर सरला को बिठाकर हम लोग लोहिया अस्पताल आये| दामोदर ने बताया कि वह व उसकी पत्नी दोनों विकलांग हैं व किसी काम को नहीं कर सकते| सरकार द्वारा विकलांग पेंशन योजना के अंतर्गत जो पेंशन मिलती है उसी से हम लोग अपनी जीवन यापन करते हैं|
लोहिया अस्पताल के गेट पर आते ही माल्ती के प्रसव पीड़ा और तेज हो गयी| जिससे उसने इमरजेंसी गेट के बाहर बच्चे को टैक्सी में ही जन्म दे दिया| बच्चे के होने की सूचना आशा मालती सक्सेना ने ड्यूटी पर तैनात महिला डाक्टरों को दी| लेकिन कोई डाक्टर व कर्मचारी बाहर टैक्सी में अचेत पड़ी सरला को देखने तक नहीं आया|
सरला के भाई गुड्डू पुत्र शंभू निवासी पाली ने बताया कि हमने कर्मचारियों के हाँथ-पैर जोड़े व कहा कि शीघ्र स्ट्रेचर लेकर चलें लेकिन किसी भी कर्मचारी ने मेरी एक नहीं सुनीं| बल्कि गर्म लहजे में बात करते हुए स्ट्रेचर लाने के बजाय मुझे ही ले जाने को कहा| जैसे तैसे हम लोग सरला को लेकर अस्पताल के अन्दर आये जहां उसे महिला वार्ड में भर्ती कर लिया गया|