फर्रुखाबाद: थाना नवाबगंज के ग्राम दनियापुर निवासी रंगोली पुत्री स्वर्गीय अंगद राजपूत आज करीब एक सप्ताह से लोहिया अस्पताल में अध् सड़ा हाँथ लिए तड़प रही है| लेकिन खून न मिल पाने के कारण रंगोली का आपरेशन वीरबल की खिचडी बना हुआ है| परन्तु जे ऍन आई व अन्य मीडिया कर्मियों के द्वारा रंगोली का मामला प्रकाश में आने पर आज विकलांग संस्था के संस्थापक धीरेन्द्र फ़ौजी व उनकी संस्था के चार अन्य लोगों ने रंगोली को ५ बोतल खून दान किया|
विदित हो कि लोहिया अस्पताल में किशोर वार्ड में तकरीबन एक हफ्ते से भर्ती रंगोली सिर्फ डाक्टरो के झूठे वादों पर जिन्दा है डाक्टरो का कहना है कि रंगोली का हाँथ का आपरेशन तब तक नही होगा जब तक उसके खून नही चढ़ाया जायेगा खून लेने के बदले में उसे किसी से खून लेना पड़ेगा जब एक बोतल खून बल्ड बैंक में जमा करेगी तभी उसे ब्लड बैंक से खून कि बोतल मिल पायेगी लेकिन रंगोली को कोई खून देने वाला व्यक्ति नही है जबकि ब्लड बैंक के अन्दर प्रयाप्त खून उपलब्ध है लेकिन फिर भी रंगोली इलाज के लिए एक सप्ताह से तड़प रही थी|
लेकिन रंगोली की खबर छपने के बाद अस्पताल प्रशासन के अलावा रिप्स निर्धन विकलांग संस्थान ने आज सीएमओ डॉ कमलेश कुमार, अपर सीएमओ राजवीर सिंह व सीएमएस एके पाण्डेय के सामने रक्तदान किया| इस अवसर पर डॉ कमलेश कुमार ने कहा कि विभाग अब रंगोली को पूरी चिकित्सीय सुविधा के अलावा अपने खर्चे पर आपरेशन कराएगा|
इस दौरान धीरेन्द्र फ़ौजी के साथ करीब एक दर्जन विकलांग बच्चे रंगोली से मिलने किशोर वार्ड पहुंचे व रंगोली का हालचाल लिया| अनाथ रंगोली को इतने शुभ चिंतकों को देखकर अचानक आँखों में आसूं आ गए| धीरेन्द्र फ़ौजी ने कहा कि मेरी संस्था रंगोली के साथ हर संभव मदद करेगी| रंगोली को रक्त देने वालों में १८ वर्षीय गीता देवी पुत्री राम नरेश निवासी बर खिरिया, २४ वर्शेया रूपेश पुत्र कैलाश सिंह मझोला बेबर, २१ वर्षीय ब्रजेश पुत्र राम औतार निवासी नीवलपुर मसेनी, ५० वर्षीय जगवीर सिंह पुत्र श्री क्रष्ण मदनापुर पीपर गाँव व धीरेन्द्र फ़ौजी ने रक्त दान किया| वहीं संस्था के संस्थापक धीरेन्द्र ने अपने जीवन में २८ बार रक्त दान कर चुके हैं| जिसमे से पांच बार उन्होंने सेना में रक्त दान किया व २३वी बार लोहिया अस्पताल में रक्त दान किया|