नई दिल्ली। टीम अन्ना ने सरकार पर एक बार फिर दबाव की राजनीति शुरू कर दी है। उनके सहयोगियों ने 27 दिसंबर से पांच जनवरी तक के लिए एमसीडी से मैदान मांगा है, जिसकी अनुमति मिल गई है। अब सिर्फ पुलिस से इजाजत लेनी बाकी है। अन्ना के सहयोगियों दो दिन पहले 30 हजार लोगों की क्षमता वाले रामलीला मैदान के लिए दिल्ली नगर निगम को आवेदन दिया था।
निगम ने टीम अन्ना को बताया है कि 27 दिसंबरसे 5 जनवरी तक रामलीला मैदान खाली है और उनको अनशन के लिए दिल्ली पुलिस से एनओसी लेनी होगी। टीम अन्ना प्रदर्शन के लिए अभी दिल्ली पुलिस से संपर्क नहीं किया है। रामलीला मैदान को लेकर पिछली बार जो हंगामा हुआ था, उसके कारण एमसीडी किसी पच़डे में नहीं प़डना नहीं चाहती, इसीलिए उसने पहली दिल्ली पुलिस से एनओसी लेने की बात कही है। हालांकि अभी यह तय नहीं है कि हजारे एक बार फिर अनशन करेंगे या विरोध का कोई और तरीका होगा।
हजारे के एक सहयोगी ने कहा, अन्ना के नेतृत्व में यह आंदोलन होगा, लेकिन इसके स्वरूप पर फैसला बाद में लिया जाएगा। इससे पहले हजारे कह चुके हैं कि अगर जन लोकपाल बिल संसद के शीतकालीन सत्र में पारित नहीं हुआ, तो पिछली बार की तुलना में ब़डे व्यापक स्तर पर इस बार अनशन किया जाएगा। उन्होंने राजनीतिक दलों से भी कहा है कि वे चाहें तो उनका विरोध कर सकते हैं, लेकिन लोकपाल बिल का विरोध न करें।
जानकारों का कहना है कि अन्ना की यह हूंकार और दिल्ली के रामलीला मैदान को बुक कराने की कवायद दबाव की रणनीति है।
कहा जा रहा है कि यह टीम अन्ना का मांइड गेम है। गौरतलब है कि चालू शीतकालीन सत्र के दौरान ही स्टैंडिंग कमेटी दिसंबर के पहले सप्ताह में लोकपाल बिल पर अपनी राय संसद में रखेगी। टीम अन्ना चाहती है कि बिल में उनकी सभी प्रमुख मांगें मान ली जाए। सूत्रों के मुताबिक समला लोकपाल के दायरे में प्रधानमंत्री को शामिल करने, सीबीआई के लोकपाल में विलय और ग्रुप सी और डी के कर्मचारियों को लोकपाल के दायरे में रखने पर अटक सकता है।