एंटी करप्शन के डीजी अतुल ने मामले की जांच पूरी कर रिपोर्ट शासन को सौंप दी है।एंटी करप्शन ने फायर सर्विसेस विभाग में डीआईजी डीडी मिश्र व अन्य अधिकारियों के आचरण पर जांच केंद्रित की है। डीआईजी के भ्रष्टाचार के आरोप तो जांच का हिस्सा मात्र है।
प्रमुख सचिव गृह से काफी प्रयास के बाद भी बात नहीं सकी।
विदित है कि पांच नवंबर को डीआईजी ने विभाग में भ्रष्टाचार फैले होने का आरोप लगाकर आला अफसरों में हड़कंप की स्थिति बना दी थी। शासन ने मामले की जांच एंटी करप्शन विभाग के डीजी अतुल को सौंपी थी। उधर, फायर सर्विसेस से एंटी करप्शन के लिए स्थानांतरित किए गए डीडी मिश्र ने अभी अपना नया पदभार ग्रहण नहीं किया है।
सूत्रों का कहना है कि विभागीय दिनचर्या में एडीजी के सख्त रवैये से आहत डीआईजी की मानसिक दशा का उल्लेख करने के साथ ही रिपोर्ट में डीआईजी का इलाज कर रहे चिकित्सकों का परामर्श व टिप्पणी भी शामिल की गई है। जिस मानसिक दशा में डीआईजी विभाग में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते समय थे और जिस तरह उन्होंने किसी अन्य पत्रावली के बजाय कंट्रोल रूम के लॉग रजिस्टर पर सब गड़बड़ होने की टिप्पणी दर्ज की थी, उसे आधार बनाया गया है।
जांच को डीआईजी की मानसिक दशा और इसके कारणों पर केंद्रित किया गया है। एंटी करप्शन के डीजी अतुल ने रिपोर्ट प्रमुख सचिव गृह को सौंपे जाने की बात कही, लेकिन रिपोर्ट के तथ्यों के बारे में कोई टिप्पणी नहीं की।