नोयडा: गौतम बुद्ध नगर में एक अदालत ने भट्टा पारसौल गांव की महिलाओं की याचिका पर 21 पुलिस एवं पीएसी कर्मियों के खिलाफ बलात्कार और लूटपाट का मामला दर्ज करने का आदेश शनिवार को दिया। अदालत ने भट्टा पारसौल मामले में पुलिस और पीएसी कर्मियों के खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज करने के आदेश दिये।
भट्टा परसौल में किसानों पर गोलीबारी और अत्याचार के खिलाफ आखिरकार कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी की लड़ाई ने पहली जंग जीत ली। जिस मामले को उत्तर प्रदेश सरकार दबाना चाहती थी, उसे राहुल ने कुरेदा और आखिरकार कोर्ट ने भी मान लिया कि भट्टा में महिलाओं के साथ बलात्कार हुआ था, जिसके बाद कोर्ट ने पुलिस और पीएसी के 21 जवानों के खिलाफ रेप और लूटपाट का केस दर्ज करने का आदेश दे दिया।
मई में भट्टा पारसौल का दौरा करने वाले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि महिलाओं के साथ बलात्कार किया गया। मुख्य न्यायायिक मजिस्टेट विपिन शर्मा ने आदेश जारी किया। महिलाओं ने आरोप लगाया कि पुलिस के साथ किसानों की झड़प के बाद सात मई को पुलिस और पीएसी कर्मियों ने बलात्कार किया और लूटपाट की।
महिलाओं ने आरोप लगाया कि झड़प के बाद गांव के पुरूष गिरफ्तारी के डर से गांव से बाहर चले गये थे जिसके बाद महिलाओं के साथ बलात्कार किया गया। हांलाकि एनएचआरसी और एनसीडब्ल्यू की टीम के दौरे के दौरान महिलाओं ने बलात्कार का आरोप नहीं लगाया था लेकिन बाद में सात महिलाओं ने बलात्कार का आरोप लगाते हुए राष्टीय अनुसूचित जाति आयोग के समक्ष हलफनामा दायर किया।