तिरंगे का अपमान, सुषमा-चौहान के खिलाफ अरेस्ट वॉरंट

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मध्य प्रदेश के सीहोर के नसरुल्लागंज की एक अदालत ने राष्ट्रीय ध्वज के अपमान के मामले में लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज तथा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत चार के खिलाफ अरेस्ट वॉरंट जारी किया है। चारों को नौ दिसंबर को कोर्ट में हाजिर होने को कहा गया है।

नसरुल्लागंज के फर्स्ट क्लास मजिस्ट्रेट जफर इकबाल अहमद ने युवक कांग्रेस के पूर्व प्रदेश महामंत्री द्वारका प्रसाद जाट की याचिका पर यह फैसला दिया। अदालत में इस मामले में बुधवार को सुनवाई पूरी हो गई थी। अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रखा था।

कोर्ट ने आदेश में सुषमा स्वराज और चौहान के अलावा सीहोर जिला बीजेपी अध्यक्ष रघुनाथ सिंह भाटी, सीहोर के तत्कालीन कलेक्टर संदीप यादव के खिलाफ राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम की धारा 2 के तहत केस दर्ज करने के आदेश भी दिए हैं।

विदिशा संसदीय क्षेत्र से सुषमा स्वराज के रेकॉर्ड मतों से जीतने पर नसरुल्लागंज में बीजेपी ने अभिनंदन कार्यक्रम का आयोजन किया था। इस कार्यक्रम के दौरान तिरंगे का अपमान किया गया था।

सुषमा और शिवराज इस्तीफा दें : कांग्रेस

कांग्रेस ने कोर्ट के इस फैसले के बाद सुषमा और शिवराज सिंह चौहान से इस्तीफे की मांग की है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सांसद कांतिलाल भूरिया व राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता अजय सिंह ‘राहुल’ ने कहा कि दोनों को अपने पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं रह गया है। उन्हें तत्काल इस्तीफा देना चाहिए।

उन्होंने याद दिलाया कि तिरंगे के अपमान के एक मामले में कर्नाटक के हुबली कोर्ट ने प्रदेश की तत्कालीन मुख्यमंत्री उमा भारती के खिलाफ ऐसा ही गिरफ्तारी वॉरंट जारी किया था। इसके बाद उमा भारती ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इन दोनों नेताओं को भी उमा भारती के उदाहरण का अनुसरण करते हुए तत्काल अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए।