एटा। समाजवादी पार्टी के युवराज अखिलेश यादव ने अपने क्रांति रथ पर सवार होकर पूरे उत्तर प्रदेश में जनाधार खड़ा करने का प्रयास किया। उसी को और मजबूती प्रदान करने के लिए अब पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव आगे आ गये हैं। मुलायम अपना चुनावी बिगुल बुधवार को एटा में होने वाली रैली से फूंकेंगे। वैसे सपा का मानना है कि जब-जब मुलायम ने एटा से चुनावी अभियान शुरू किया है, तब तब सपा को सत्ता मिली है।
रैली से ठीक पहले सपा के वरिष्ठ नेता व नेता विपक्ष शिवपाल सिंह यादव ने कहा है कि मुलायम के मैदान में आने से पार्टी का मनोबल काफी ऊंचा हो गया है। मायावती को सपोर्ट करने के सवाल पर शिवपाल बोले कि पार्टी राज्य के विभाजन की विरोधी है, वह सदन में प्रदेश के बटवारे के प्रस्ताव पर असहमति जतायेगी।
सिंह ने कहा कि सपा का यह विरोध नया नहीं है, अलग उत्तरांचल राज्य बनाये जाने का भी विरोध किया था। मालूम हो मुख्यमंत्री मायावती ने कहा है कि मंत्रिमंडल में लिये गये निर्णय पर विधानमंडल के आगामी 21 नवम्बर से शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र में प्रस्ताव पारित करके केन्द्र सरकार को भेजा जायेगा। श्री यादव ने कहा कि बहुजन समाज पार्टी सरकार यदि ऐसा कोई प्रस्ताव लाती है तो पार्टी इसका जोरदार विरोध करेगी।
उन्होंनें कहा कि उत्तर प्रदेश को चार हिस्सों बुंदेलखंड, अवध प्रदेश, पूर्वांचल और पश्चिम प्रदेश में बांटने से इस राज्य का महत्व कम हो जायेगा। उनका तर्क है कि प्रदेश के सबसे ज्यादा 80 सांसद चुनकर लोकसभा में जाते हैं, राज्य के बंटवारे से केन्द्र की मनमानी चलेगी, जिसे रोकना संभव नहीं होगा। वहीं सपा महासचिव रामगोपाल सिंह यादव ने कहा कि संसद के शीतकालीन सत्र में अविश्वास प्रस्ताव आने की दशा में उनकी पार्टी कांग्रेस का साथ नहीं देगी। इस मुद्दे को लेकर सपा ने कांग्रेस के साथ चुनावी तालमेल करने से भी इंकार किया है।
उन्होंने कहा कि ऐसे किसी प्रस्ताव के दौरान सपा कांग्रेस का साथ नहीं देगी और राज्य विधानसभा चुनाव के सिलसिले में आवश्यकता पडऩे पर पार्टी अपने प्रत्याशी भी बदल सकती है। उन्होंने कहा कि यह वही बसपा है जिसने पिछला चुनाव जीतने के लिए ब्राहमणों का इस्तेमाल किया और जब सरकार बन गयी तो ब्राहमणों को खूब शोषण किया। यह जनता को बरगलाने का एक और प्रयास है।