लखनऊ। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार को एक झटका देते हुए राज्य चुनाव आयोग को प्रदेश में शहरी स्थानीय निकाय चुनाव छह हफ्ते में मौजूदा मतदाता सूची के आधार पर कराने के निर्देश दिए। अदालत ने कहा कि इस संबंध में 24 घंटे के भीतर अधिसूचना जारी किया जाए।
अदालत ने राज्य सरकार के उस निर्णय को खारिज कर दिया जिसके तहत वह इनमें प्रशासक तैनात करने की तैयारी कर रही थी। अदालत ने कहा कि ये प्रशासक स्थानीय निकायों में इनकी पहली बैठक के पांच साल पूरे होने के बाद ही नियुक्त किए जा सकते हैं।
मालूम हो कि अक्टूबर-नवम्बर 2006 को निर्वाचित शहरी स्थानीय निकायों की पहली बैठक फरवरी 2007 में हुई थी। न्यायमूर्ति देवी प्रसाद सिंह एवं न्यायमूर्ति एस सी चौरसिया की खण्डपीठ ने यह आदेश पारित करते हुए राज्य चुनाव आयोग को यथाशीघ्र मौजूदा मतदाता सूची के आधार पर निकाय चुनाव कराने के निर्देश दिए।