वसूली : पेट्रोल पर 26 रूपए लीटर टैक्स लेती है सरकार

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दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 68.64 रुपए लीटर है, इसमें 26.22 रुपए करों के रूप में वसूला जाता है. 

सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों ने पिछले सप्ताह ही पेट्रोल के दाम 1.80 रुपए लीटर बढ़ाए हैं. इस साल यह पांचवां मौका है जब दाम बढ़ाए गए हैं. अमेरिकी डालर के मुकाबले रुपए के कमजोर पड़ने से तेल कंपनियों को पेट्रोल के दाम बढ़ाने पड़े.

तेल कंपनियों के अधिकारियों के अनुसार पेट्रोल के नए दाम 41.38 रुपए प्रति लीटर के मूल दाम पर आधारित हैं. कर, रिफाइनिंग मार्जिन के बिना केवल पेट्रोल का दाम 41.38 रुपए बैठता है. इस पर करीब 38 फीसद हिस्सा यानी 26.22 रुपए प्रति लीटर केन्द्रीय और राज्य सरकार करों के रूप में वसूलती हैं.

पेट्रोलियम पदार्थों के खुदरा मूल्य उनके आधार मूल्य पर सीमा शुल्क, उत्पाद शुल्क और मूल्यवर्धित कर यानी वैट को शामिल कर तय किए जाते हैं. पेट्रोल पर 41.38 रुपए लीटर के आधार मूल्य पर ढाई फीसद की दर से सीमा शुल्क लगता है जो कि 1.04 रुपए लीटर बैठता है.

इसके ऊपर केन्द्र सरकार 6.35 रुपए लीटर मुख्य सेनवेट शुल्क, छह रुपए लीटर की दर से विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क और दो रुपए लीटर की दर से राजमार्ग के लिए जुटाया जाने वाला अतिरिक्त उत्पाद शुल्क वसूलती है. तीन फीसद की दर से शिक्षा उपकर शामिल करने के बाद कुल उत्पाद शुल्क 14.78 रुपए लीटर तक हो जाता है.

कच्चे तेल के दाम में वृद्धि होने पर केन्द्रीय करों यानी उत्पाद शुल्क में कोई वृद्धि नहीं होती है क्योंकि ये शुल्क स्थिर दर के हिसाब से लगाए गए हैं. लेकिन वैट जो कि दिल्ली में 20 फीसद की दर से लगाया जाता है, वह पेट्रोलियम पदार्थों के दाम बढ़ने के साथ ही बढ़ जाता है. पेट्रोल के दाम बढ़ने से पहले दिल्ली में वैट 10.62 रुपए लीटर था लेकिन दाम बढ़ने के बाद यह 11.44 रुपए प्रति लीटर हो गया.

डीजल के मामले में दिल्ली में 41.29 रुपए लीटर दाम पर केवल 7.66 रुपए प्रति लीटर विभिन्न कर शामिल हैं. करों के तौर पर इसमें 0.76 रुपए सीमा शुल्क और 2.06 रुपए लीटर की दर से उत्पाद शुल्क है जबकि वैट के रुप में 4.84 रुपए प्रति लीटर का भुगतान करना होता है.

डीजल पर मात्र ढाई प्रतिशत सीमा शुल्क और दो रुपए लीटर की दर से सड़क निर्माण के लिए विशेष शुल्क लिया जाता है. इस पर फिलहाल कोई भी केन्द्रीय उत्पाद शुल्क नहीं लिया जाता है.