भाजपा में भोजपुर से एक और दावेदार “नागेंद्र” की इंट्री

Uncategorized

सांसद पुत्र के टिकट पर तलवार लटकी

फर्रुखाबाद:  बसपा से भोजपुर विधानसभा क्षेत्र से टिकट कटने के बाद  निष्कासित नागेंद्र सिंह राठौर ने देर से सही घर वापसी कर ली है। सोमवार को उन्होंने लखनऊ में एक समारोह के दौरान भाजपा की सदस्यता गृहण करली है। सूत्रों की मानें तो उनको टिकट का भी आश्वासन मिला है, व वापसी इसी शर्त पर की गयी है। श्री राठौर के भाजपा में सम्मिलित होने के बाद एक ओर जहां पुत्र के टिकट के लिये सपा छोड़कर भाजपा में सम्मिलित हुए पूर्व सांसद मुन्नू बाबू के पुत्र के टिकट पर तलवार लटक गयी है, वहीं भोजपुर विधान सभा क्षेत्र में क्षत्रिय वोटों के लिये संग्राम की स्थिति भी बन गयी है।

विदित है कि बसपा की अंदरूनी राजनीति के चलते भोजपुर से बसपा के घोषित उम्मीदवार नागेंद्र सिंह राठौर को न केवल हाल ही में टिकट से हाथ धोना पड़ा, उनकों पार्टी से बाहर का रास्ता भी दिखा दिया गया। हद तो यह हुई कि दुग्ध संघ चुनाव में उनके प्रत्याशी को बसपा ने ऐड़ी चोटी का जोर लगा कर हरवा दिया। आरोप तो चुनाव में मनमानी कराने के भी लगे। इधर बसपा ने उनके स्थान पर उनके ही सजातीय प्रत्याशी को टिकट दे दिया गया।

आखिर नागेंद्र सिंह ने अपने पुराने घर में वापसी कर ली है। सोमवार को उन्होंने लखनऊ में भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली है। सूत्रों की मानें तो नागेंद्र ने भाजपा में वापसी भोजपुर से ही टिकट के आश्वासन पर की है। यदि यह सही है तो यहीं से पूर्व सांसद मुन्नू बाबू के पुत्र के टिकट पर तलवार लटकना निश्चित हो गया है। विदित है कि सपा से सांसद रह चुके मुन्नू बाबू ने पहले अपने पुत्र रज्जू के लिये सपा से टिकट की मांग की थी। उनकी मांग न माने जाने पर उन्होंने सपा छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया था। पार्टी से उनकों भी टिकट का आश्वासन मिला था। अब देखना है कि भाजपा अपना वाद किसके साथ वफा करती है।

टिकट नागेंद्र को मिले या रज्जू भैया को। क्षत्रिय वोटों के लिये संग्राम की बिसात बिछ ही गयी है। जिसको भी टिकट नहीं मिलेगा वह दूसरे को हराने की लिये कमर कस लेगा। उधर बसपा से भी क्षत्रिय प्रत्याशी मैदान में मौजूद है। ऐसे में ऊंट किस कल बैठता है, यह तो समय ही बतायेगा।