दिल्ली: महंगाई भले ही काफी बढ़ गई हो, लेकिन बकरे का बाजार बकरीद से पहले हमेशा कुछ ज्यादा ही गरम रहता है। इस बार बकरीद के अवसर पर दिल्ली में सबसे महंगा बकरा 2.50 लाख रुपये में बिका है। वैसे पिछले साल का रिकार्ड इस बार नहीं टूट पाया। पिछले साल बकरीद पर कुर्बानी के लिए एक बकरा 4.5 लाख रुपये में बिका था। 2.50 लाख रुपये का यह बकरा मुरादाबाद का एक किसान बेचने के लिए दिल्ली लाया था। किसान मोहम्मद अकरम का दावा था कि बकरे के शरीर पर नैचुरल तरीके से अल्लाह उकरा हुआ है। वैसे आम तौर पर बकरे दस से 20 हजार के रुपये में ही बिके हैं।
दिल्ली में जामा मस्जिद इलाके के मवेशी बाजार में सबसे महंगे बकरे की कीमत परसो तक 1.5 लाख रुपये थी । इस बकरे का नाम चंदा था और इसके मालिक मोहम्मद सबीर से इसे यूपी से लेकर आए थे। बकरे की पीठ पर एक ओर ‘अल्लाह’ और दूसरी ओर मुहम्मद’ उकेरा गया था । हालांकि इसका रिकार्ड 24 घंटे भी बरकरार नही रह पाया। मुरादाबाद के बकरे ने इसका रिकार्ड एक लाख रुपये से तोड़ दिया। मुसलमान पैगम्बर इब्राहिम द्वारा अल्लाह को खुश करने के लिए अपने बेटे इस्माइल तक की कुर्बानी देने के लिए तैयार रहने के दिन के रूप में मनाते हैं।
इस्लाम के अनुसार, इब्राहिम जैसे ही अपने बेटे का गला काटने जा रहे थे, अल्लाह ने उसके स्थान पर भेड़ प्रस्तुत करके इस्माइल को बचा लिया। तभी से ईद-उल-अजहा (बकरीद) के दिन किसी मवेशी की कुर्बानी की परम्परा है। सबसे अधिक मांग मेवाती, बारबरी, देसी और तोतापुरी प्रजाति के भेड़ और बकरों की थी जो राजस्थान और उत्तर प्रदेश से आए थे। इनमें से अधिकतर की कीमत 5,000 से 10,000 रुपये थी। परम्पराओं के अनुसार, कुर्बानी के लिए बकरे का चयन ध्यानपूर्वक किया जाना चाहिए। यह स्वस्थ और इसकी शारीरिक बनावट मजबूत होनी चाहिए। इसे किसी भी तरह से अस्वस्थ या विकृत नहीं होना चाहिए। यह अलग बात है कि इस बार में बकरे भी मिलावट के दौर में नहीं बच पाए । सोड़ा पिला कर उन्हें तगड़ा़ किया जा रहा था।