नई दिल्ली. अन्ना हजारे ने 16 अक्टूबर से जारी मौन व्रत शुक्रवार सुबह तोड़ दिया। वह राजघाट पहुंचे और कुछ देर ध्यान करने के बाद ‘भारत माता की जय’ के साथ मौन व्रत तोड़ दिया। अन्ना ने कहा कि उन्हें इस व्रत से नई ऊर्जा मिली है और अब वह लड़ाई के लिए एक बार फिर तैयार हैं।
अन्ना का यह बयान आते ही कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने उन पर और उनकी टीम पर निशाना साधा। उन्होंने ट्वीट में टीम अन्ना को ट्यूबलाइट कहा। ट्यूबलाइट उस व्यक्ति के लिए इस्तेमाल किया जाता है जिसे बातें देर से समझ में आती हैं। दिग्विजय ने ट्वीट किया, ‘अन्ना टीम ने स्थायी समिति में लोकपाल को संवैधानिक दर्जा दिए जाने के राहुल गांधी के प्रस्ताव का समर्थन किया। ट्यूबलाइट?’
जिस समय दिग्विजय ने ट्वीट किया, लगभग उसी समय अन्ना मौन व्रत तोड़ने के बाद मीडिया से मुखातिब थे। उन्होंने कहा, ‘मौन व्रत किसी व्यक्ति या पार्टी के विरोध में नहीं था। रामलीला मैदान में 12 दिन के अनशन के बाद मेरा स्वास्थ्य कमजोर हो गया था। साढ़े सात किलो वजन कम हो गया था और ब्लडप्रेशर भी काफी गिर गया था। इसके बाद शरीर से कुछ तकरार शुरु हो गई। बहुत लोग मिलने आ रहे थे। इसलिए मेरे सामने मौन पर जाना ही एकमात्र रास्ता था। गांधी जी कहते थे कि मुश्किल समय में मौन करना चाहिए। मौन व्रत के कारण मेरा स्वास्थ्य काफी बेहतर हो गया है। इससे मुझे आंदोलन को आगे जारी रखने के लिए नई शक्ति मिली है। मुझे विश्वास है कि मैं अब लड़ने के लिए तैयार हो गया हूं।’
अन्ना से जब टीम पर उठे सवालों के बारे में प्रश्न किया गया तो उन्होंने कहा कि इसका जवाब वह प्रैस कांफ्रेंस करके देंगे। अन्ना दिल्ली में अपने साथियों के साथ बैठक करेंगे और शाम को संसदीय स्थायी समिति के सामने भी पेश होंगे। इस समिति में वह जनलोकपाल बिल पर अपने सुझाव पेश करेंगे।