यातायात दिवस: DM ने दी नियमों की जानकारी, कोतवाल ने नींद मारी

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फर्रुखाबाद: जहां पूरा देश यातायात दिवस मना रहा था वहीं यातायात दिवस मनाने के लिए आवास विकास में यातायात दिवस पर नियमों की जानकारी देने के लिए जनपद के गणमान्य नागरिकों के अलावा जिले के मुखिया सच्चिदानंद दुबे व पुलिस अधीक्षक भी आये| DM के भाषण को जहां आम जनता बड़े चाव से सुन रही थी वहीं दूसरी तरफ बिलकुल समीप बैठे कोतवाल साहब बड़े चाव से सोते नजर आये| चेहरे पर बैठी मक्खियों को भी धीरे हाँथ से भगा भी देते|

यातायात दिवस पर पूरे जिले की तो छोड़िये जिलाधिकारी की सभा स्थल पर जहां माननीय सच्चिदानंद दुबे जनता को यातायात नियमों के बारे में जानकारी देते हुए कह रहे थे कि तीन सवारी न चले, हेलमेट लगाकर चले, चार पहिया वाहन पर सीट बेल्ट बांधकर बैठे| गाडी चलाते समय मोबाइल से बता न करें| इसी दौरान सभा स्थल के सामने से कई पुलिसकर्मी तीन सवारियों के साथ व डग्गामार वाहन भी फर्राटे मारते DM की सभा की तरफ मजाकिया अंदाज में मुस्कराकर निकल गए|

जिसने यातायात पुलिस की सक्रियता व कार्य प्रणाली को साफ़ उजागर कर दिया| लेकिन जिलाधिकारी की नजर कारिंदों ने सड़क की तरफ नहीं पड़ने दी| अब जब पुलिस ही अधिकारी की बात को बच्चों का खेल समझ रही है तो जनता क्या करेगी ?

आखिर अब बात करते हैं उनकी जो जगह जगह सोने के मामले में सबसे आगे हैं और इसी से पहचाने भी जाते हैं और मौक़ा देखकर फौरन सो भी लेते हैं| कोतवाल साहब कालूराम के समय समय या बिना समय पर भी सो जाने का क्या कारण है? इनको चेकिंग के दौरान, गाडी में सफ़र करते समय, गश्त के समय व कोतवाली में बैठते समय नींद मार कई बार देखा गया| जिस बात से पुलिस महकमा बाखूबी परिचित है| लेकिन कोतवाल साहब की नींद में खलल डालने की जुर्रत किसी की नहीं होती तभी तो माननीय जिलाधिकारी के भाषण के दौरान जो समय कालूराम को मिला तो उस समय का जायज फायदा उठाते हुए DM के सामने ही कालूराम जी अंतर्ध्यान हो गए|

कहते हैं कि जो सो गया वह खो गया| जिलाधिकारी ने जो पुलिस विभाग को संबोधित करते हुए जानकारी दी वह जानकारी कोतवाल साहब के लिए किसी नींद की गोली से कम नहीं थी| ऐसा लग रहा था मानो जिलाधिकारी लोरी सुना रहे हैं और कोतवाल साहब उसका लुत्फ़ उठा रहे हैं| यह था यातायात दिवस का कार्यक्रम धन्यबाद……………………..|