धमाकों की गूंज लखनऊ पहुंचते ही पुलिस को मिलने लगे बारूद के जखीरे

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फर्रुखाबाद: एक सप्ताह के भीतर दो भीषण धमाकों की गूंज लखनऊ तक पहुंची तो पुलिस ने बारूद और गंधक के जखीरे यूं निकाल कर बाहर रख दिये मानों उनके पास अचानक कोई जादुई छड़ी लग गयी हो। सवाल यह है कि पुलिस को अचानक यह जादुई छड़ी मिली कहां से और वह इसे कितने दिन सुरक्षित रख पायेगी। कल तक फतेहगढ़ के हाथीखाना में हुए धमाके के पीछे गैस सिलिंडर फटने की बात कह रही पुलिस को आखिर बैकफुट पर आना ही पड़ गया।

विदित है कि पांच दिन पूर्व मोहम्मदाबाद के ग्राम खिमसेपुर में हुए भीषण विस्फोट में आधा दर्जन लोगों की मौत के बाद कल शुक्रवार को जनपद के मुख्यालय शहर फतेहगढ़ के मोहल्ला हाथीखाना में हुए विस्फोट में तीन लोगों की और मौत हो गयी। विस्फोट में चीथड़ा हो चुकी लाशों व घर के मलबे से सही सलामत बरामद 5 किलो के छोटे सिलिंडर के सामने होने के बावजूद पुलिस देर रात्रि तक इसे बारूदी विस्फोट मानने से इनकार करती रही। शनिवार को पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने व उच्चाधिकारियों के फोन खड़खड़ाने के बाद आखिर पुलिस बैकफुट पर नजर आयी।

दो भीषण विस्फोटों के बाद आला अधिकारियों की सख्ती के बाद शनिवार को ही पुलिस को जनपद के विभिन्न स्थानों पर अवैध आतिशबाजी के जखीरों के जखीरे यूं मिलने लगे जैसे अचानक पुलिस के हाथों कोई जादुई छड़ी लग गयी हो। पुलिस ने दोपहर को ही फतेहगढ़ रेलवे स्टेशन के निकट शुक्रवार को हाथीखाना में हुए विस्फोट में मृत जंट सिंह के मकान से जहां बारुद व पटाखे बरामद किये वहीं फर्रुखबाद के लिंजीगंज में तो पुलिस ने अपने द्वारा ही मात्र सात माह पूर्व सील किये गोदाम में चल रहे अवैध विस्फोटक के कारोबार को पकड़ कर कई क्विंटल सामाग्री बरामद कर लीं। वहीं मोहम्मदाबाद के नीब करोरी में भी छापेमारी कर भारी मात्रा में आतिशबाजी बरामद की है।

विदित है कि विगत 28 फरवरी को सायं इसी नरायन राईस मिल गोदाम में इतना जबरदस्त बिस्फोट हुआ था कि गोदाम के गेट उखड़ गए दीवारें क्षतिग्रस्त हो गयी| अड़ोसी-पड़ोसी इतने भयभीत हो गए कि डर की बजह से काफी देर तक बाहर नहीं निकले| पड़ोस के मकानों में भी नुकसान पहुंचा| बिस्फोट में मिल मालिक गोपाल नरायन अग्रवाल का बेटा सुमित अग्रवाल गंभीर रूप से घायल हो गया था| गोपाल नरायन व उसके बेटे शरद को गिरफ्तार कर लिया गया था| दोनो हाल ही में जमानत पर बाहर आये हैं।

उस समय गोपाल नरायन के घायल पुत्र सुमित ने पुलिस को बताया थी कि वह बिस्फोट से घायल हुआ है|  स्वयं को विस्फोटक सामग्री का अधिक्रत व्यापारी बताने वाले गोपाल नरायन पुलिस को बिस्फोटक सामिग्री के स्टाक एवं बिक्री रजिस्टर उपलब्ध नहीं करा सके थे। उनके लाइसेंस का भी वर्ष २००९ से ही नवीनीकरण नहीं कराया गया था। गोदाम में ३२ बोरी गंधक व १ बोरी पोटास मिली थी| गोदाम को सील कर दिया गया था।

मजे की बात है कि जिस गोदाम को कोतवाली पुलिस सात माह पूर्व सील कर चुकी थी, उसी गोदाम में बाकायदा बिस्फोटक सामग्री का अनाधिक्रत काम चलता रहा व पुलिस को कोई जानकारी नहीं हुई ????? इसके बाद आज अधिकारियों की सख्ती होने के बाद पुलिस ने आनन फानन में सटीक छापा मारा व फिर भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद कर लिया।