पुर्व एएमएम आनंद चौहान की बांदा में हत्या कर दी गयी। हत्या के समय जिला पंचायत फर्रुखाबा के एक लिपकि मधुकर गुप्ता भी उनके आवास पर मौजूद थे।
श्री चौहान फर्रुखाबाद जिला पंचायत में जनवरी 2008 से दिसंबर 2008 तक तैनात रहे थे। इस दौरान उन्हें निलंबित कर मुख्यालय से अटैच कर दिया गया था। उनको अवैध तहबाजारी में अंकुश लगाने पर हत्याभियुक्तों ने पिस्टल से तीन गोलियां मारी। पहली गोली सीने में लगी फिर एक-एक गोली सिर व गले में लगी है। उनकी हत्या के समय घर में मौजूद फर्रुखाबाद जिला पंचायत के लिपिक मधुकर प्रसाद गुप्ता से उनके घनिष्ट संबंध थे। जिला पंचायत के वाद लिपिक मधुकर प्रसाद एक मामले की पैरवी के लिए 17 अक्टूबर को इलाहाबाद गए थे। इसके लिए उन्होंने 14 अक्टूबर से छुट्टी ले रखी है। वहां से वापस आते समय मधुकर आनंद से बांदा मिलने गए थे। वहीं सूत्रों की मानें तो फर्रुखाबाद में तैनाती के दौरान का आनंद चौहान के फंड का ड्राप्ट भी मधुकर के पास था। संभावना जताई जा रही है कि वह उन्हें फंड का ड्राप्ट देने गए होंगे।