माध्यमिक शिक्षा विभाग के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) बड़ा सिरदर्द साबित होने जा रही है। परीक्षा में आवेदकों की भारी संख्या के चलते माध्यमिक शिक्षा विभाग ने आवेदन पत्रों का सत्यापन परिणाम के बाद करने का फैसला किया है। जिन अभ्यर्थियों को परीक्षा में 60 फीसदी अंक मिलेंगे, उनके आवेदन पत्रों का ही सत्यापन किया जाएगा।
टीईटी परीक्षा 13 नवंबर को दो चरणों में होनी है जिसमें लगभग 15 लाख से अधिक उम्मीदवारों के शामिल होने की संभावना है। अब तक बैंकों से 11 लाख आवेदन पत्र बिक चुके हैं जबकि प्रदेश भर से और चार लाख फॉर्म की डिमांड है। फॉर्म 18 तक वितरित होंगे। उसके बाद आवेदन पत्रों की छंटनी, उनकी जांच, श्रेणीवार वर्गीकरण और प्रदेश भर में परीक्षा के लिए रोलनंबर आवंटित करना अपने आप में बड़ा संकट है। बोर्ड में इन दिनों अग्रिम पंजीकरण फॉर्म और परीक्षा फॉर्म के सत्यापन का कार्य चल रहा है। साथ ही परीक्षा केंद्र निर्धारण, परीक्षक, कक्ष निरीक्षकों की लिस्ट भी इसी दौरान फाइनल करनी है। टीईटी को लेकर पिछले दिनों हुई बैठक में बोर्ड के कई अधिकारियों ने साफ किया कि इतने कम समय में सभी आवेदन पत्रों के सत्यापन के बाद प्रवेश पत्र जारी करना संभव नहीं है। जिनके आवेदन पत्रों में सामान्य तौर पर गलतियां नहीं होंगी, नाम, पिता का नाम, फोटो आदि ठीक होंगे, उन्हें परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाएगी। परीक्षा में पास होने वाले यानी 60 फीसदी पाने वालों के कागजात का सत्यापन कराया जाएगा|