उत्तर प्रदेश की सत्ता पाने के लिए भाजपा कोई भी विकल्प छोडऩा नहीं चाहती। कुछ दिन पूर्व अल्पसंख्यक सम्मेलन कर मुसलमानों को रिझाने के बाद भाजपा अब हिंदुओं वोट को भी अपनी ओर करने की फिराक में है। भाजपा अपना मुस्लिम प्रेम तो दिखा रही है लेकिन वह यह नहीं चाहती कि उसका पारम्परिक हिन्दु मतदाता उससे छिटक न जाए। इसके लिए भारतीय जनता पार्टी अपने पुराने एजेंडे पर लौटते हुए राम नाम का सहारा लेते हुए रथ यात्रा की शुरूआत कर दी है।
राम के नाम का सहारा लेते हुए भाजपा ने काशी और मथुरा पर एक बार फिर भरोसा जताया। इसके लिए भाजपा के दो कद्दावर नेता राजनाथ सिंह और कलराज मिश्र आगामी 13 अक्तूबर से जन स्वाभिमान यात्रा के द्वारा प्रदेश भर में समर्थन जुटाने का प्रयास करेंगे। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सूर्य प्रताप शाही, रमापति राम त्रिपाठी व मुख्तार अब्बास नकवी ने बताया कि यह यात्रा कई मायनों में महत्वपूर्ण हैं।
नकवी ने कहा कि राजनाथ की यात्रा मथुरा से तथा कलराज मिश्र की यात्रा काशी से शुरू हो रही है। दोनों यात्राओं का समापन 17 नवम्बर को अयोध्या में होगा। ज्ञात हो कि भाजपा ने प्रदेश में पहली बार 1991 में अयोध्या, मथुरा व काशी के बल पर ही सरकार बनायी थी।
यात्राओं की विस्तृत जानकारी देते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सूर्यप्रताप शाही ने बताया कि राजनाथ सिंह की जन स्वाभिमान यात्रा 34 जिलों की 216 विधानसभा क्षेत्रों से होकर गुजरेगी। इन 34 जिलों में छह करोड़ से भी अधिक मतदाता रहते हैं जिसे देखते हुए पार्टी नेता कम से कम दो से ढाई करोड़ मतदाताओं से सम्पर्क करेंगे। जबकि कलराज मिश्र की यात्रा 27 जिलों की 154 विधानसभा क्षेत्रों से होकर गुजरेगी। इन इलाकों में चार करोड़ से अधिक मतदाता है जिसमें से पार्टी ने दो करोड़ मतदाताओं से सम्पर्क का लक्ष्य तय किया है।
राजनाथ की यात्रा को लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज हरी झंडी दिखाएंगी। इस मौके पर राज्य सभा में नेता विपक्ष अरण जेटली, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के संयोजक शरद यादव, पार्टी उपाध्यक्ष विनय कटियार और प्रदेश के पूर्व अध्यक्ष डा. रमापतिराम त्रिपाठी मौजूद रहेंगे। जबकि कलराज मिश्र की यात्रा को काशी के भारत माता मंदिर से पूर्व उप प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे।