गांधी जी के जन्म दिवस पर भी खुले मयखाने और बूचड़खाने

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फर्रुखाबाद: आज पूरा देश महात्मा गांधी व लाल बहादुर शास्त्री जी का जन्म दिन मना रहा है| जगह-जगह ध्वजारोहण के साथ-साथ बापू व शास्त्री के नक्से कदम पर चलने की कसमे खाई जा रही हैं व लोग गांधीगीरी को याद कर अहिंसा मार्ग अपना रहे थे| लेकिन सरकार के सख्त निर्देशों के बावजूद भी कोतवाली फर्रुखाबाद के पास ही खुले शराब का मैखाना व बूचडखाना कैमरे की नजर में कैद हो गए|

फर्रुखाबाद शहर से लगे हुए क्रिश्चियन कालेज मैदान में हजारों लोगों ने मॉस, मदिरा व गुटखा छोड़ शाकाहारी बनाने की कसमें खाईं वहीं दूसरी तरफ लोग मैखाने में जाम से जाम टकराते देखे गए व गांधी जयन्ती के दिन भी कई बेजुबान जानवरों की खाल उतारकर उनको शोपीस की तरफ दूकान के काउंटर पर ग्राहकों के इन्तजार में टांग दिया| मैखाने बंद होने के आदेशों का ठेके वालों ने पालन तो किया लेकिन सिर्फ प्रशासन की आँखों में धूल झोंकने के लिए| शराब की आदत से मजबूर लोग ठेकों के गेट में बनी दराजों से अंगूर की बेटी को हांथों में थामे दिखाई दिए|

हद तो तब हो गयी जब लोग क़ानून व्यवस्था की रक्षा करने वाले पुलिसकर्मी दो अक्टूबर की छुट्टी वाले दिन अपने यार दोस्तों के साथ दारू लाकर झोपड़ें में जाम छलकाते नजर आये| उन्हें न तो अपने किसी अधिकारी का डर और न ही किसी आदेशों का पालन करना| क्योंकि सोमरस के सुरूर में न तो कोई क़ानून याद रहता है और न ही इज्जत के परवाह| जब खाकी ही क़ानून का पालन नहीं करेगी तो आम जनता क्या ख़ाक करेगी|