सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि उसे द्रमुक सांसद दयानिधि मारन के खिलाफ टूजी स्पेक्ट्रम घोटाला मामले में सबूत मिले हैं और वह दो दिन के भीतर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करेगी। एजेंसी के मुताबिक पूर्व दूरसंचार मंत्री के खिलाफ एयरसेल को बेचने के लिए दबाव बनाने और विदेशी फर्म को फायदा पहुंचाने के लिए अनुचित पक्षपात करने सहित तमाम आरोपों के तहत प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।
एजेंसी ने सीलबंद लिफाफे में जांच से संबंधित एक ताजा स्थिति रिपोर्ट अदालत में पेश की। उसमें कहा गया है कि टूजी मामले में मारन के कथित तौर पर शामिल होने की प्रारंभिक जांच पूरी हो चुकी है और अनुरोध पत्र मारीशस भेज दिए गए हैं। जस्टिस जीएस सिंघवी और जस्टिस एके गांगुली की पीठ के समक्ष एजेंसी की ओर से पेश अधिवक्ता केके वेणुगोपाल ने कहा कि मारन से जुड़ी हुई प्रारंभिक जांच पूरी हो चुकी है और इस माह के अंत तक एफआईआर दर्ज की जाएगी। वेणुगोपाल ने कहा कि तीसरा आरोपपत्र दाखिल करने में अभी देरी होगी क्योंकि मारन और एस्सार समूह के खिलाफ जांच अभी जारी है। दोनों पर कथित तौर पर टूजी स्पेक्ट्रम का लाइसेंस गैरकानूनी रूप से सुरक्षित करने के लिए लूप टेलीकॉम कंपनी बनाने का आरोप है।
उन्होंने बताया कि एस्सार समूह ने आरोपों को नकार दिया है कि लूप टेलीकॉम उसकी फ्रंट कंपनी नहीं है और वह कारपोरेट मामलों के मंत्रालय से क्लीन चिट भी हासिल कर चुकी है। वेणुगोपाल ने मारन की भूमिका से संबंधित स्थिति रिपोर्ट के अंशों को पढ़ते हुए कहा कि सीबीआई ने विदेश की एक कंपनी को इस संबंध में पत्र लिखा है जो भी सामने आएगा उसे अदालत में पेश कर दिया जाएगा। वेणुगोपाल ने एयरसेल को मलेशिया मूल के मैक्सिस समूह को बेचे जाने से संबंधित जांच को पेश करते हुए यह जानकारी पीठ को दी।
मारन मई, 2004 और मई, 2007 के बीच दूरसंचार मंत्री थे। सीबीआई की ओर से सी. शिवशंकरन की शिकायत पर जांच किए जाने की पुष्टि के बाद मारन ने मजबूरन इसी साल जुलाई में केंद्रीय कपड़ा मंत्री के पद से इस्तीफा दिया था। शिवशंकरन 2006 में एयरसेल के मालिक थे। तीसरा आरोपपत्र दाखिल करने में अभी देरी होगी क्योंकि मारन और एस्सार समूह के खिलाफ जांच अभी जारी है