**खबर का असर**
फर्रुखाबाद: बीते दिनों जे ऍन आई की पहल से इमरजेंसी गेट के बाहर पैर में कीड़े पड़ जाने से असहनीय दर्द से तड़प रही महिला को सीएमएस ने खानापूरी करवाकर लोहिया अस्पताल में भर्ती तो करवा दिया लेकिन उसे ऐसे कक्ष में रखा जहाँ किसी की नजर न पड़े| वहां उसका उपचार न करने के बजाय उसे कक्ष में बंद कर रखा न तो उसका उपचार और न ही उसे किसी तरह का खाना| भूंखी दर्द से चीखती महिला की आवाज भी बंद कमरे से बाहर न निकल पा रही थी|
आज सुबह सभी कर्मचारी अपने-अपने काम में व्यस्त थे तभी अचानक लोगों को हूटर की आवज सुनायी दी| कर्मचारियों ने बाहर निकलकर देखा तो नए डीएम सच्चिदानद दुबे का तमतमाया हुआ चेहरा देख डाक्टर व कर्मचारियों के पैरों के नीचे से जमीन खिसक गयी| तत्काल कर्मचारी डीएम साहब की जी हजूरी में लग गए लेकिन जिलाधिकारी ने किसी की न सुनकर सीधे सीएमएस के कक्ष में पहुंचकर कर्मचारियों से लोहिया अस्पताल की हालत व दवाईयों के बारे में पूंछतांछ की|
जिलाधिकारी के संज्ञान में विक्षिप्त महिला की हालत के बारे में जानकारी मिलने पर कि विक्षिप्त पैर में कीड़े पड़ जाने से दर्द से तड़प रही महिला को दो दिन से न तो खाने को कुछ दिया गया और न ही उसका इलाज सही ढंग से किया जा रहा है इतना सुनते ही जिलाधिकारी का पारा सांतवें आसमान पर पहुँच गया| इस सम्बन्ध में सीएमएस की जिलाधिकारी ने जमकर क्लास लगाई व कमरे में बंद महिला का सही ढंग से इलाज व भोजन व कपडे उपलब्ध कराने के आदेश सीएमएस को दिए व ऐसा न होने पर दंडात्मक कार्रवाई करने की चेतावनी दी|
जिलाधिकारी ने सीएमएस एके पाण्डेय से पूंछा कि मुझे जानकारी हुयी है कि आप के अस्पताल में इस पीड़ित महिला के इलाज के लिए तारपीन का तेल व अन्य दवाईयां मौजूद नहीं हैं| इस पर सीएमएस अपनी बंगले झाँकने लगे| कमरे में गन्दगी देख डीएम ने तुरंत सफाई कराये जाने के आदेश दिए| फिलहाल डीएम के आने की सूचना से अस्पताल कर्मचारियों ने महिला के नयी पट्टी व एक बोतल टांग दी है| अब देखना यह है कि डीएम के आदेश को लोहिया अस्पताल किस प्रकार पालन करता है|