अन्ना के मंच से डीजीपी को भृष्ट कहने वाला सिपाही बर्खास्त

Uncategorized

पुलिस कल्याण संस्थान के गठन को लेकर चर्चा में आये व अन्ना हजारे के मंच से यूपी पुलिस के अफसरों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने वाले निलंबित सिपाही सुबोध यादव पर रविवार को गाज गिर ही गई। सुबोध को राजकीय रेलवे पुलिस बल से बर्खास्त कर दिया गया है। सुबोध यादव ने निलंबित होने के बावजूद बाकायदा वर्दी में अन्ना के मंच से विशेष डीजीपी बृजलाल व एडीजी रेलवे एके जैन पर न सिर्फ आरोप लगाये थे, बल्कि यह भी कहा था कि भ्रष्टाचार का विरोध करने पर उसे अब तक नौ बार निलंबित किया जा चुका है।

विदित है कि अन्ना के मंच से सुबोध ने यह भी कहा था कि अब उसे किसी कार्रवाई का भय नहीं है। सुबोध यादव को अनुशासनहीनता तथा लंबे समय से गैरहाजिर रहने के आरोप में बर्खास्त कर दिया गया हैं। गौरतलब है कि सुबोध यादव को जीआरपी गोरखपुर में तैनाती के दौरान निलंबित किया गया था। उस पर यह भी आरोप है कि पुलिस कल्याण संस्थान का पदाधिकारी बनना स्वीकार कर उसने अनुशासन तोड़ा। 1994 में सुबोध देहरादून से पुलिस में भर्ती हुए और इसी वर्ष 20 जनवरी को इटावा जीआरपी से उसका गोरखपुर के लिए तबादला हुआ था, पर उसने ड्यूटी ज्वाइन नहीं की थी, जिसके चलते उसे निलंबित कर दिया गया था। इसी दरमियान उसने अन्ना के मंच से वरिष्ठ अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाये।

सुबोध यादव को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था और उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू की गई। एडीजी रेलवे एके जैन का कहना है कि सुबोध का जवाब मिलने के बाद अब उसे पुलिस सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है।