नशे का इंजेक्शन छीन मरीज आईसीयू से भागा

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फर्रुखाबाद: आवास विकास स्थित आरके हास्पिटल के बाहर गुरुवार सायंकाल अचानक एक युवक हांफता हुआ बाहर निकला जिसके एक हाथ में विग्गो लगी थी व दूसरे हाथ में एक इंजेक्शन व सिरिंज थी। बाहर आते ही चिल्लाते हुए युवक ने डाक्टर पर आईसीयू में जबरन रोकने के लिये नशे का इंजेक्शन लगाये जाने का आरोप लगाते हुए हंगामा करना शुरू कर दिया। देखते ही देखते भीड़ एकत्र हो गयी। लगभग आधे घंटे तक चले इस ड्रामें के दौरान मरीज के परिजनों को  नर्सिंग होम संचाल डॉ जे एम वर्मा ने बुलाकर जमा कराये गये पांच हजार में से तीन हजार रुपये वापस कर दिये।

दिल्ली में रह रहे व एक पंजाबी चैनल MH1 के पत्रकार प्रमोद कुमार शर्मा की अस्पताल से भाग कर आने के बाद हालत वैसी ही थी जो कैद से मुक्त होकर भागे किसी अपहरण के शिकार की होती है। अस्पताल के आसीयू  के भीतर से अपनी ड्रिप व नाक में लगी नली को नोच कर फेंकने के बाद कंपाउंडरों से बचते बचाते गेट के बाहर आने में सफल होने के बाद प्रमोद शर्मा ने JNI को पूरी दास्तां को विस्तार से बताया तो रोंगटे खड़े हो गये। श्री शर्मा ने बताया कि वह दिल्ली में रहता है वह वहां पंजावी चैनल MH 1 का कैमरामैन है| वह बुधवार को ही शहर के बीबीगंज निवासी अपने चाचा शिवशंकर शर्मा के घर आया था| कल शाम को अचानक पेट में दर्द होने के कारण परिजनों ने उसे लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसके पेट का दर्द ठीक हुआ, लेकिन सुबह जब चाय व बिस्किट खा लिए तो फिर से असहनीय दर्द शुरू हो गया|

परिजनों ने प्रमोद को आवास विकास स्थित एक अन्य निजी नर्सिंग होम “आरके अस्पताल” में भर्ती कराया| जहां प्रमोद को आनन फानन में ICU में भर्ती कर दिया गया व ड्रिप और आक्सीजन मास्क भी लगा दी गयी। प्रमोद ने बताया कि लगभग आधे घंटे बाद ही उसकी तबियत ठीक हो गयी। थोड़ी देर बाद स्वयं को स्वस्थ् बताते हुए प्रमोद ने उसे डिस्चार्ज किये जाने की मांग की तो वहां पर मौजूद कंपाउंडर उसे डाक्टर के आने के बाद जाने देने का भरोसा दिलाते रहे। परंतु जब शाम तक डाक्टर नहीं आये तो उसने एक बार फिर थोड़ा खिसियाते हुए उसे डिस्चार्ज किये जाने की मांग की। इस पर जब कंपाउंडर ने डाक्टर से बात की तो डाक्टर ने उसे फोर्टविन इंजेक्शन लगाने की बात कही, जिससे वह रात भर  नशे में सोता रहे। प्रमोद ने बताया कि यह वार्तालाप उसने सुन लिया। जिस पर उसने आपत्ति की तो अस्पताल के कर्मचारियों ने जबरदस्ती नशीला इंजेक्शन लगाने का प्रयास किया| जब मैंने इस बात का विरोध किया तो कर्मचारियों ने हडकाते हुए मुझे पकड़ लिया और धमकी दी कि कोई मेरा कुछ नहीं कर सकता ये मेरा रोज का काम है| प्रमोद ने बताया कि मै किसी प्रकार अपनी नाक की नली व ड्रिप निकाल फेंकी व किसी तरह कर्मचारियों से चकमा देकर बाहर निकल आया| मुझसे ५ हजार रुपये भी इलाज के लिए बसूले गए| फिलहाल प्रमोद ने इस घटना की शिकायत उच्च अधिकारियों से करने को कहा है।

डा. जेएम वर्मा से इस संबंध में उनका पक्ष जानने के लिये वार्ता करने का प्रयास किया गया परंतु उन्होंने बात करने व कुछ भी कहने या बताने से इनकार कर दिया। चलते समय डा. वर्मा को बताया गया कि समाचार प्रकाशित होने के बाद भी वह अपनी प्रतिक्रिया व्यक्तिगत रूव से अथवा वेब पोर्टल पर दे सकते हैं, जिसे प्रकाशित कर दिया जायेगा।