फर्रुखाबाद: इसमें कोई दो राय नहीं है कि महंगाई खासकर खाद्य वस्तुओं की तेज महंगाई का सम्बन्ध मौद्रिक नीतियों से अधिक मांग-आपूर्ति, जमाखोरी-मुनाफाखोरी, प्रशासनिक और नीतिगत कारणों से है. यह सही है कि मौजूदा महंगाई के लिए वैश्विक कारण जैसे जिंसों की कीमतों में उछाल आदि भी जिम्मेदार हैं|
लेकिन मुश्किल यह है कि यू.पी.ए सरकार असली कारणों पर पर्दा डालने के लिए इसे बहाने की तरह इस्तेमाल कर रही है. यही नहीं, सबसे अधिक अफसोस की बात यह है कि महंगाई से निपटने के मुद्दे पर एक-दूसरे के साथ सहयोग करने के बजाय केन्द्र और राज्य सरकारें आरोप-प्रत्यारोप में जुटी हुई हैं|
नतीजा, आम आदमी खासकर गरीब का कोई पुरसाहाल नहीं है. महंगाई की मार से उसका जीना दूभर होता जा रहा है. असल में, मुद्रास्फीति की ऊँची दर की समस्या इस समय दुनिया के अधिकांश देशों खासकर विकासशील देशों की एक बहुत बड़ी समस्या बनी हुई है लेकिन मुद्दा यह है कि जहां दुनिया के अधिकांश देश इस चुनौती से निपटने खासकर आमलोगों को राहत देने की ईमानदार कोशिश कर रहे हैं, वहीँ भारत में केन्द्र और राज्य सरकारें बहाने बनाने और आरोप-प्रत्यारोप में लगी हुई हैं.
लेकिन उससे भी ज्यादा हैरानी की बात यह है कि महंगाई से राहत दिलाने की जगह केन्द्र और राज्य सरकारें इस या उस बहाने लोगों पर और बोझ डालने में संकोच नहीं कर रही हैं|
पेट्रोल मूल्य वृद्धि के चलते शुक्रवार को जनक्रांति पार्टी के आक्रोशित महिला व नगर अध्यक्ष डॉ राघवेन्द्र सिंह राजपूत के नेतृत्व में चौक पर लगभग आधा सैकड़ा कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की व चौक पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का पुतला फूंककर विरोध जाहिर किया|
इस दौरान जनक्रांति पार्टी के सुरेन्द्र कटियार जिलाध्यक्ष जनक्रांति पार्टी, नगर अध्यक्ष डॉ राघवेन्द्र सिंह राजपूत, नव निर्वाचित नगर उपाध्यक्ष पुष्पेन्द्र सिंह राजपूत ( विकास राजपूत), शकुन्तला शाक्य, पार्वती शाक्य, मीरा देवी शाक्य, अंकित तिवारी, कमलेश सिंह वर्मा, नौशाद, सलमान, हसीव अंसारी, मोहम्मद नदीम, जमील, तोताराम वर्मा, महेश चन्द्र शाक्य, केसरी ठाकुर आदि कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार का पुतला फूंककर विरोध जताया|