फर्रुखाबाद: अधिकारी बदले पर हालत नहीं बदले, डेढ़ वर्ष से अनुदान के लिये भटक रही कैंसर पीड़ित मासूम दलित बालिका पर भी अधिकारियों का दिल नहीं पसीजा| दर बदर की ठोकरें खाने के बाद भी आर्थिक साहयता की आस में कलेक्ट्रेट के चक्कर लगा रही है|
थाना मऊदरवाजा के मोहल्ला रकाबगंज कला निवासी पांच वर्षीय मासूम सलोनी की कहानी काफी दर्दनाक है। सलोनी को उसकी मां प्रेम कुमारी ने गरीबी के चलते अपनी विधवा मौसी कमला को दे दिया था। मां की गोद छूटने के बाद सलोनी को कैंसर जैसी गंभीर बीमारी ने पकड़ लिया। बेचारी विधवा कमला की हैसियत भी कैंसर का इलाज कराने की नहीं थी। कमला ने सलोनी के इलाज के लिये सरकार से अनुदान के लिये आवेदन किया था। अब जैसे तैसे तहसील से आवेदन संस्तुति कराने के बाद समाज कल्याण विभाग तक प्रार्थनापत्र तो पहुंच गया, परंतु अभी तक गरीब सलोनी को सहायता नहीं मिल सकी है। देखते हैं कि कब तक अधिकारियों का कलेजा पसीजता है या यूं कहें कि कब तक सलोनी अपनी जानलेवा बीमारी से लड़ पाती है।