फर्रुखाबाद: गुरूवार को नरेगा मजदूरों का चार महीने से भुगतान न होने के कारण जब ग्राम विकास अधिकारी उनके हत्थे चढ़ा तो मजदूरों का गुस्सा सातवें आसमान पर था फिर क्या मजदूरों ने सेक्रेटरी पर जूतों की बौछार कर दी|
थाना राजेपुर के ग्राम हमीरपुर सोमवंशी के नरेगा मजदूर चार महीनों तक बगैर किसी लेनदेन के काम करते रहे| लेकिन पहले से ही आर्थिक तंगी के शिकार नरेगा मजदूर अपने काम के पैसे माँगते तो उन्हें चलता कर दिया जाता| बकरे की माँ कब तक खैर मनाती आखिरकार सेक्रेटरी शिव मंगल दीक्षित को आक्रोशित नरेगा मजदूरों ने रोड पर ही जूतों की बरसात कर दी| मौके पर पहुंचे प्रधान पति शिव नारायण ने मजदूरों को समझा बुझाकर मामला शांत कराया|
मजदूरों का कहना था कि सेक्रेटरी के द्वारा काम तो कराया गया लेकिन भुगतान के समय सेक्रेटरी साहब आनाकानी करने लगे| जिसके चलते आज हम लोगों को यह कदम उठाना पडा| शासनादेश के मुताबिक़ नरेगा मजदूरों को १५ दिन के अन्दर भुगतान हो जाना चाहिए| लगभग तीन दर्जन नरेगा मजदूर का भुगतान अभी भी लटका हुआ है|
प्रधानपति ने बताया कि MB पहले से बन चुकी है| अगर चाहे तो सेक्रेटरी का बस्ता देख लें| जिसपर सेक्रेटरी साहब ने आनाकानी की व बस्ता दिखाने से इनकार कर दिया| मजदूरों का आरोप है कि सेक्रेटरी भुगतान देने के लिए ५०० रुपये प्रति मजदूर रिश्वत मनाग रहे हैं|
एडीओ पंचायत सुलखान सिंह ने बताया कि समय से यदि भुगतान नहीं होता है तो इसका जिम्मेदार सेक्रेटरी को ही माना जाएगा| उन्होंने बताया कि इसका एक महीने पहले स्थानान्तरण होने के बावजूद अभी तक चार्ज नहीं छोड़ा है|
ग्राम पंचायत अधिकारी शिव मंगल दीक्षित ने बताया कि जूते मारने या हाथापाई की कोई बात नही हुई। केवल वार्तालाप हुआ था। उन्होंने बताया कि ग्राम प्रधान व ब्लाक प्रमुख के बीच 36 के आंकड़ा है। ग्राम प्रधान की शह पर मजदूर विवाद करने लगे। कुल 70 हजार रुपये का काम हुआ है। जबकि तकनीकी सहायक राजीव प्रजापति ने मात्र 61 हजार की ही एमबी की है। इसके सापेक्ष 46 हजार 400 रुपये का भुगतान मजदूरों के खातों में भेजा जा चुका है। बिना मस्टर रोल के भुगतान फिलहाल नहीं हो सकता है। पैसे मांगने का आरोप भी गलत है।