फर्रुखाबाद: तारीख पर तारीख, फिर तारीख पर तारीख और हर बार तारीख लेने के लिए 10 रुपये की घूस| ये 10 रुपये की घूस इतनी प्रासंगिक हो चली है कि अदालतों की तारीखों में उलझा मुव्वकिल अब इसे अपने बजट में शामिल कर चुका है| मगर फतेहगढ़ की अदालत ने अन्ना की गूँज अभी सुनाई देने लगी है तभी तो वकीलों ने सामूहिक रूप से इसे बंद कराने का फैसला लिया है|
बार एशोसियेशन ने इस घूस को न केवल बंद करने का प्रस्ताव पास कर दिया बल्कि इस पर निगरानी रखने के लिए 10 सदस्यीय टास्क कमिटी का गठन भी कर दिया है| इस टीम के नाम गोपनीय रखे गए है जो अपनी रिपोर्ट बार को उपलब्ध कराएँगे और अदालतों में निगरानी करेंगे| अगर कोई वकील घोस देता मिला या घूस दिलाते मिला तो इसकी शिकायत बार तक पहुच जाएगी| क्या बार को अपने सदस्यों पर भी यकीन नहीं है कि वे सभी घूस बंद कर सकते है| बार के महासचिव संजीव पारिया ने बुधवार को इस आशय का पत्र भी जारी कर दिया|