खुदा पर यकीन करना सिखाता है ईद का त्योहार: आज होगे चाँद के दीदार

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फर्रुखाबाद: मुस्लिम धर्म ग्रंथों के अनुसार रमजान के पवित्र महीने के दौरान ही अल्लाह ने पवित्र कुरान पैगम्बर मुहम्मद को दिया था। अल्लाह के पवित्र संदेश देवदूत जिब्राइल के माध्यम से पैगम्बर मुहम्मद को प्राप्त हुए, जो 23 वर्ष की अवधि में कुरान के रूप में लिखे गए। इसी की याद में पूरे रमजान माह विशेष त्योहार के रूप में मनाया जाता है। इस माह के अंत में ईद का त्योहार मनाया जाता है। इस बार यह त्योहार 31 अगस्त, गुरुवार(संभावित) को है।

रमजान के दौरान मुसलमान रोजा अर्थात् उपवास रखते हैं जिसमें वे भोजन नहीं करते,पानी नहीं पीते, धूम्रपान और अनेक प्रकार की सुख-सुविधाओं का त्याग करते हैं। रमजान मुसलमानों के लिए धार्मिक प्रथा ही नहीं बल्कि अच्छा जीवन जीने, धैर्य, आत्म-नियंत्रण और सहनशीलता की सीख देता है। जो जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

रमजान के महीने में खुदा की ईबादत के बाद मुस्लिम भाई ईद का त्योहार मनाते हैं। ईद को मौके पर बच्चों को उपहार और मिठाइयां दी जाती है। इसके साथ ही भोज समारोह आयोजित किए जाते है| जिनमें विशेष व्यंजन, पेय पदार्थ आदि शामिल होते हैं। ईद की मुख्य मिठाइयों में दूध में पकाया सेंवइयां बहुत लोकप्रिय है। रमजान माह के अंत में मनाया जाने वाला त्योहार ईद-उल-फितर है। यह आत्म-परीक्षण करने और धार्मिक आस्था को बढ़ाने वाला त्योहार है।