फर्रुखाबाद: संदिग्ध परिस्थितियों में मृत जिला जेल के बंदी गंगा प्रसाद के पोस्टमार्टम में आंत, छाती, कान व कोहनी पर चोटें पाये जाने से केस में बेहद दिलचस्प मोड़ आ गया है|
जहानगंज थाना क्षेत्र के गांव सरवर आलमपुर निवासी सत्तर वर्षीय गंगा प्रसाद जानलेवा हमले के आरोप में सजा काट रहे थे। बीते दिन ( रविवार ) को उनकी जेल में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गयी थी। उन्हें मृत अवस्था में लोहिया अस्पताल लाया गया था। अस्पताल पहुंचे परिजनों ने एक प्रधान बंदीरक्षक पर मारपीट कर हत्या का आरोप लगाया।
सूत्रों के मुताबिक पोस्टमार्टम में डा.श्रीप्रकाश व डा.अरविंद प्रसाद सक्सेना ने गंगा प्रसाद की मौत का कारण हृदय गति रुकना बताया है। साथ ही रिपोर्ट में आंत, बांयी कोहनी, छाती में तथा कान पर आई चोटों का भी जिक्र किया है।
उल्लेखनीय है कि आज ( सोमवार ) को कायमगंज न्यायालय में पेशी पर गये जिला जेल के बंदी विपुल कुमार चपला ने जिलाधिकारी को भेजे गये फैक्स में बंदी गंगा प्रसाद के साथ 28 अगस्त को समय करीब साढ़े तीन बजे एक जेल अधिकारी व उसके अधीनस्थ द्वारा लाठी-डंडे से पीट-पीटकर हत्या किये जाने की सूचना दी है।
जेलर एसएन दुबे ने बताया कि बंदी विपुल द्वारा लगाये आरोप झूठे व बेबुनियाद हैं। बंदी गंगा प्रसाद मिर्गी का दौरा आने के कारण बेहोश हुए थे। उसकी मौत अस्पताल ले जाते समय रास्ते में हुई थी। घटना की सूचना पर डीआईजी (जेल) शरद कुलश्रेष्ठ ने मामले की तहकीकात की थी।