नई दिल्ली। लोकपाल बिल पर पहली लड़ाई में मिली ऐतिहासिक जीत के साथ अन्ना हजारे ने रविवार की सुबह 10:20 बजे अपना अनशन तोड़ दिया। अन्ना का अनशन दिल्ली की सुंदर नगरी की सिमरन और तुकराम गेट की रहने वाली इकरा ने शहद और नारियल पानी पिलाकर अनशन तुड़वाया।
अनशन तोड़ने के बाद अन्ना ने कहा कि हमारे देश के लिए एक गौरवाशाली बात बनी है कि आज 13 दिन तक इतना बड़ा आंदोलन हुआ वो भी पूरी तरह अहिंसक रहा। पूरी दुनिया के लिए यह बहुत बड़ा संदेश है। इस आंदोलन के सफल होने के लिए सबसे बड़ी शक्ति युवा हैं। हमारे देश के युवाओं ने इस बढ़चढ़कर हिस्सा लेकर यह दिखा दिया कि वो इस देश की शक्ति हैं।
सबसे बड़ी बात यह कि संसद से बड़ी जन संसद है। आज जन संसद ने दिखा दिया कि वो सबसे ऊपर है। मेरी बिनती है कि इस आंदोलन ने यह विश्वास दिलाया है कि भ्रष्टाचार मुक्त भारत बन सकेगा, यह विश्वास कायम हो चुका है। डा. अम्बेडकर द्वारा बनाये गये संविधान का सही तरह से अमल करना है।
अनशन तो तोड़ा नहीं स्थगित किया
अन्ना ने कहा कि मैंने अनशन तोड़ा नहीं, बल्कि स्थगित किया है। जब तक हम पूरी तरह परिवर्तन नहीं लायेंगे तब तक अनशन करता रहूंगा। अब हमें परिवर्तन के बारे में सोचना है। जैसा कि अरविंद केजरीवाल ने कहा कि ग्राम स्तर और मोहल्ला स्तर पर सांसद को मीटिंग बुलाकर देश की जनता से बात करने के बाद सदन में बोलना चाहिये।
हमारे देश की शिक्षा व्यवस्था को बदलना है। लोग शिक्षा के नाम पर दुकान चला रहे हैं। उनकी दुकानें बंद करनी हैं। हमारे भूगर्भ संसाधनों का गलत तरीके से दोहन हो रहा है। पर्यावरण को दूषित होने से बचाने के लिए हमें यह गलत दोहन रोकना है।
आज जन लोकपाल के तीन मुद्दे मान लिये गये, इसका मतलब यह नहीं कि भ्रष्टाचार खत्म हो गया। परिवर्तन की लड़ाई शुरू हो गई है। जब-जब ऐसी बात आयेगी, मुझे लग रहा है कि संसद इन मुद्दों को इनकार नहीं करेगी। लेकिन अगर इनकार कर दिया तो एक बार फिर इस जनसंसद को खड़ा होना होगा। हम फिर से लड़ेंगे।