नई दिल्ली।। लगता है कि सरकार अन्ना हजारे के अनशन को जल्दी खत्म नहीं करवाना चाहती है। कल उनकी बात को मानने के बाद भी शुक्रवार को सरकार लोकसभा में अन्ना की शर्तों पर चर्चा नहीं शुरू करवा पाई। अब विशेष सत्र बुलाकर इस पर कल चर्चा होगी।
अन्ना प्रधानमंत्री और लोकसभा को चिट्ठी लिखकर पहले ही कह चुके हैं कि जब तक संसद से प्रस्ताव पारित करके उनकी तीनों शर्तों को प्रस्तावित लोकपाल कानून में शामिल करने पर सहमति नहीं जताई जाती है , वह अपना अनशन नहीं तोड़ेंगे।
लोकसभा में इस मुद्दे पर 193 के तहत चर्चा होगी। हालांकि , बीजेपी ने नियम 184 के तहत नोटिस दिया था लेकिन इसे स्वीकार नहीं किया गया। नियम 193 के तहत चर्चा में वोटिंग का प्रावधान नहीं है। संसदीय कार्यमंत्री पवन बंसल ने कहा कि शुक्रवार होने के चलते साढ़े तीन बजे से प्राइवेट मेंबर बिल का समय होता है , लिहाजा अब इस पर आज चर्चा होने की संभावना नहीं है। इसके बाद सत्ता पक्ष और नेता विपक्ष के साथ हुई बैठक के बाद स्पीकर मीरा कुमार ने फैसला लिया कि अन्ना के प्रस्तावों पर आज चर्चा नहीं होगी और अब शनिवार को संसद का विशेष सत्र बुलाकर इस पर चर्चा की जाएगी।
अन्ना के सहयोगी अरविंद केजरीवाल ने बताया कि अन्ना ने प्रधानमंत्री और स्पीकर के जरिए लोकसभा को चिट्ठी लिखी है। इसमें अन्ना ने आंदोलन के प्रति सम्मान जताने के लिए आभार जताने के साथ ही कहा है कि तीनों मुद्दों पर लोकसभा से प्रस्ताव पारित होते ही अनशन खत्म कर देंगे। उन्होंने यह भी लिखा है कि रामलीला मैदान में अनशन खत्म होने के बाद रामलीला मैदान में धरना तब तक जारी रहेगा जबतक जनलोकपाल कानून न बन जाए।
गौरतलब है कि अन्ना अपना अनशन समाप्त करने के लिए कल से ही तीन शर्तों पर अड़े हैं। इन शर्तों में सभी सरकारी कर्मचारियों को लोकपाल के दायरे में लाने , सभी सरकारी ऑफिसों में एक सिटीजन चार्टर बनाने और सभी प्रदेशों में लोकायुक्त की नियुक्ति लोकपाल के जरिए करना है।
इससे पहले किरन बेदी ने हजारे के अनशन के 11 वें दिन रामलीला मैदान में समर्थकों से कहा कि हजारे ने कल तीन मांगें रखीं थीं। इससे बारे में प्रस्ताव आज लोकसभा में पारित होते ही हजारे अपना अनशन तोड़ देंगे।