फर्रुखाबाद: केंद्रीय कानून मंत्री व सिविल सोसइटी के साथ लोकपाल बिल का मसौदा तैयार करने वाली समिति के सदस्य रहे सलमान खुर्शीद ने रविवार को यहां मीडिया से वार्ता के दौरान अन्ना हजारे के पीछे की ताकतों की ओर इशारा तो किया परंतु वह इसे साफ तौर पर दक्षिण पंथियों से जोड़ने से कतरा गये।
बाबा रामदेव की तरह जनलोकपाल बिल के समर्थन में चलाये जा रहे आंदालन के पीछे दक्षिण पंथी दलों के होने का शिगूफा केंद्र सरकार कई बार छोड़ने का प्रयास कर चुकी है, परंतु अभीतक उसको सफलता नहीं मिल सकी हे। केंद्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने भी यहां अन्ना के पीछे दूसरी ताकतों का जिक्र तो किया परंतु वह खुल कर किसी पार्टी का नाम लेने से बचते रहे। उन्होंने शनिवार को उनके नगर आगमन पर हुए विरोध प्रदर्शनों का हवाला देते हुए कहा कि जो कुछ उनहोंने व मीडिया ने कल देखा है उससे स्वयं को गांधीवादी कहने वाले अन्ना हजारे के सम्मान को बट्टा ही लगा हैं। सबने देखा कि उन लोगों में कौन लोग शामिल थे।
विदित है कि सलमान का रविवार को शमसाबाद में भी असहज स्थिति का सामना करना पड़ा, जब एक स्थानीय नागरिक मुशीर आलम उर्फ पप्पू खां ने सलमान से पूछ लिया कि क्या अन्ना के भय से फर्रुखबाद आ गये है। सलमान ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि वह अन्ना के डर से नहीं क्षेत्र में अपने लोगों से मिलने आयें हैं। उन्होंने कहा कि आम युवा जो क्रांति की आशा में बिना सोचे समझे अन्ना के पीछे भाग रहा है उसको समझना होगा कि देश में एक लोकतांत्रिक व्यवस्था लाग है। कोई भी नया कानून संविधान की व्यवस्था के अनुरूप ही लाया जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि सलमान शनिवार को यहां अपने दो दिवसी दौरे पर आये थे। रविवार को वह यहां शहर के मऊदरवाजा क्षेत्र में स्थि डा. जाकिर हुसैन ट्रस्ट में संचालित एक सिलाई ट्रेनिंग सेंटर का निरीक्षण करने पहुचे थे।