अभिनेता शम्मी कपूर ने दुनिया को किया अलविदा

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अपनी बेजोड़ अदा के चलते पचास और साठ के दशक में बड़े पर्दे पर राज करने वाले जाने माने और वरिष्ठ अभिनेता शम्मी कपूर का आज (रविवार) को महानगर के ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हो गया। वह 79 वर्ष के थे।

उनके परिवार में पत्नी नीला देवी, पुत्र आदित्य राज और पुत्री कंचन देसाई हैं।

परिवार के सूत्रों के अनुसार, शम्मी पिछले कुछ वर्ष से डायलिसिस पर थे। उन्हें सप्ताह में कम से कम तीन बार डायलिसिस कराना पड़ता था। उन्हें कल अस्पताल की गहन चिकित्सा इकाई में भर्ती किया गया था।

वर्ष 1953 में बॉलीवुड में दस्तक देने वाले शम्मी की पहली फिल्म ‘जीवन ज्योति’ थी। वर्ष 1961 में सुपरहिट फिल्म ‘जंगली’ ने उन्हें बड़े पर्दे की दुनिया में खास जगह दिला दी। शम्मी ने फिल्मों में अपनी खास अदायगी से अलहदा तरह की छवि बनाई।

‘भारत के एल्विस प्रेसली’ कहे जाने वाले कपूर रूपहले पर्दे पर तब अपने अभिनय की शुरूआत की जब उनके बड़े भाई राज कपूर के साथ ही देव आनंद और दिलीप कुमार छाए हुए थे।

अभिनेता शम्मी कपूर का अंतिम संस्कार कल किया जाएगा। यह जानकारी उनके पारिवारिक सूत्रों ने दी। उनका अंतिम संस्कार उनके पोते के अमेरिका से लौटने के बाद कल पूर्वाह्न 11 बजे दक्षिण मुम्बई स्थित बाण गंगा में किया जाएगा।

पारिवारिक सदस्यों, मित्रो और बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन और अनिल अंबानी सहित फिल्म और उद्योग जगत की बहुत सी हस्तिया शम्मी कपूर के निधन की खबर सुनकर आज सुबह मालाबार हिल स्थित उनके निवास ब्लू हैवन पहुंचे।

शम्मी का वास्तविक नाम शमशेर राज कपूर था। 21 अक्तूबर 1931 को जन्मे शम्मी रंगमंच के जाने माने अदाकार और फिल्म अभिनेता पृथ्वीराज कपूर के दूसरे पुत्र थे। अपनी पारिवारिक पृष्ठभूमि के बावजूद शम्मी का फिल्म जगत में प्रवेश ‘रेल का डिब्बा’ में मधुबाला, ‘शमा परवाना’ में सुरैया और ‘हम सब चोर हैं’ में नलिनी जयवंत के साथ अभिनय करने के बावजूद शुरुआत में सफल नहीं रहा।

उनकी शुरुआती फिल्में बॉक्स ऑफिस पर विफल रहीं। उन्होंने पचास के दशक में ‘डक-टेल’ शैली में अपने बाल कटवाकर ‘तुमसा नहीं देखा’ के साथ खुद को नई तरह से पेश किया। उसके बाद से उन्हें सफलता मिलती गई। वर्ष 1961 में फिल्म ‘जंगली’ की सफलता के साथ ही पूरा दशक उनकी फिल्मों के नाम रहा।

दर्शकों के बीच उनकी अपील ‘सुकू सुकू’, ‘ओ हसीना जुल्फों वाली’, ‘आज कल तेरे मेरे प्यार के चर्चे’ और ‘आ जा आ जा मैं हूं प्यार तेरा’ जैसे गानों के चलते थी जिनमें उन्होंने बड़ी ही मस्तमौला शैली में थिरकते हुए अदायगी दी।