माया के विधायक का इस्तीफे से इन्कार

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लखनऊ। पशुपालन और दुग्ध विकास मंत्री अवधपाल सिंह यादव के तिहरे हत्याकाण्ड में फंसने फिर मुकदमा दर्ज होने के आदेश के बाद विपक्षी दलों ने उसने इस्तीफे की मांग कर दी। विपक्ष द्वारा जोर शोर से उठायी गयी मांग के बाद भी उन्होंने पद से इस्तीफा देने से इन्कार कर दिया। विपक्ष के तमाम आरोपों के विपरीत श्री यादव ने त्यागपत्र देने की अटकलों पर विराम लगाते हुए कहा कि वह ऐसा कुछ भी नहीं करेंगे।

उन्होंने कहा कि हत्या का मुदकमा समाजवादी पार्टी की एक चाल है जिसे वह कामयाब नहीं होने देंगे। लोकायुक्त की जांच में फंसने के मामले श्री यादव ने साफ किया कि वह लोकायुक्त के आरोपों का जवाब देंगे। मालूम हो कि एटा के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने श्री यादव के साथ उनके भाई विधायक चन्द्र प्रताप सिंह यादव, जिला पंचायत सदस्य व उनके पुत्र रंजीत सिंह यादव और एक अन्य भाई अमरपाल सिंहह यादव पर हत्या और आपराधिक षडयंत्र रचने के मामले में मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया था।

अदालत ने श्री यादव के गनर पर भी मुकदमा चलाने का आदेश दिया। उधर एसएसपी लक्ष्मी नारायण का कहना है कि वह मामले में कानूनी सलाह ले रहे हैं। हालांकि उन्होंनें मुकदमा दर्ज करने के मामले में कोई समय सीमा बताने से इन्कार कर दिया। उधर विपक्षी दलों ने मायावती से हत्या के आरोप में फंस चुके मंत्री को पद से हटाने की मांग की। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डा. रीता बहुगुणा जोशी ने आरोप लगाया कि मामले में सुश्री मायावती की चुप्पी इस बात की ओर इशारा कर रही है कि वह अपने दागी मंत्री को संरक्षण दे रही है और उसे बचाना चाहती है।

डा. जोशी ने कहा कि श्री यादव को पद से हटाने के साथ ही जेल भेजा जाना चाहिये। भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक का कहना है कि अदालत के आदेश के बावजूद पुलिस श्री यादव और उनके रिश्तेदारों पर मुकदमा दर्ज नहीं कर रही है इससे पता चलता है कि प्रदेश में कानून का कोई पुरसाहाल नहीं है। सत्ता पक्ष जब जैसे चाहे कानून को तोड मरोड़ सकता है। उन्होंने मांग की कि श्री यादव को तो तत्काल बर्खास्त किया जाना चाहिये।