फर्रुखाबाद: एक ऐसी बीमारी है जो हमारे देश में हर महकमे में पाई जाती है। इस समय तो वह सबसे ज्यादा चर्चा का विषय है। उसने बहुत लंबे समय से पूरे देश को अपनी ग्रिप में ले रखा है। ये वहां भी पहुंच जाता है जहां आप इसकी उम्मीद भी नहीं कर सकते हैं। इस बार इसने सेंध मारा है हमारे सफर में। न चाहते हुए भी यह हमारे सफर में हमसफर बन गया है। जी हां अब इसने एंट्री मारी है रेलवे में। रेलवे में इसकी एंट्री ने आम जनता को परेशान कर दिया है।
हमें कभी भी कहीं जाना होता है तो हमारे दिमाग में ट्रेन की ही तस्वीर उभरती है। कई बार टाइम इतना कम होता है कि हम रिजर्वेशन के लिए तत्काल सुविधा को चुनते हैं। पिछले काफी समय से इस तत्काल सुविधा में इंटरनेट से रिजर्वेशन करने में समस्या आ रही थी। अब फिलहाल इसका भी खुलासा हो गया है कि तत्काल में रिजर्वेशन में समस्या क्यों हो रही थी।
तत्काल रिजर्वेशन में घोटाले का यह सिलसिला कितना बड़ा हो गया है कि इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसकी रिपोर्ट संसद के मानसून सत्र में पेश हुई है। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) ने इस घोटाले से पर्दा उठाने के लिए संसद में अपनी रिपोर्ट पेश की है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि किस तरह से रेलवे के अधिकारी और एजेंट मिलकर तत्काल रिजर्वेशन में घोटाला कर रहे हैं। तत्काल रिजर्वेशन में घोटाला इंटरनेट पर इसकी साइट आईआरसीटीसी के सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी करके किया जाता है।
आईआरसीटीसी के सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी होने की वजह से रिजर्वेशन नहीं हो पाता है। तत्काल टिकटों के इस घोटाले में दलाल और एजेंट एक सॉफ्टवेयर कंपनी के सॉफ्टवेयर सॉफ्ट वेली ट्रेवल ई सॉल्यूशन का इस्तेमाल किया जा रहा है। दलाल इस कंपनी के सॉफ्टवेयर से तत्काल टिकटों की बिक्री के लिए निर्धारित समय के बाद या पहले भी बुकिंग होती है। वैसे तत्काल टिकटों के लिए रिजर्वेशन के लिए सुबह 8 बजे से 11 बजे तक का समय निर्धारित है।