खुदा की इबादत का महीना है रमजान

Uncategorized

हिजरी कैलेंडर का नवां महीना रमजान कहलाता है। इस माह में बोहरा व मुस्लिम धर्मावलंबी रोजा रखकर खुदा की इबादत करते हैं। बोहरा समाज 31 जुलाई से रोजा रखकर खुदा की इबादत में जुट जाएगा वहीं चांद नजर आते ही मुस्लिम धर्म के लोग भी रोज रखेंगे। यदि चांद 31 जुलाई को दिखाई दिया तो रमजान 1 अगस्त से और यदि चांद 1 अगस्त को नजर आया तो रमजान की शुरुआत 2 अगस्त से मानी जाएगी।

पूरी दुनिया में फैले इस्लाम धर्म के लिए रमजान का पवित्र महीना एक उत्सव होता है। इस्लाम धर्म की परंपराओं में रमजान माह का रोजा हर मुसलमान के लिए जरुरी फर्ज होता है। इस्लामी मान्यताओं के अनुसार पैगंबर ने यह आदेश दिया था कि रमजान अल्लाह का माह है और इस माह में रोजे रखकर खुदा की इबादत करने से अल्लाह खुश होते हैं और कर हर रोजेदार की इबादत कबूल करते हैं। इसलिए इस्लाम धर्म में रमजान माह में रोजा गहरी आस्था के साथ रखे जाते हैं।

किंतु इस्लाम धर्म का रोजा सिर्फ भूखे या प्यासे रहने की परंपरा मात्र नहीं है बल्कि रोजे के दौरान कुछ मानसिक और व्यावहारिक बंधन भी जरुरी बताए गए हैं। ऐसा भी कहा जाता है कि रमजान माह में किए गए एक अच्छे काम के बदले में उसका 70 गुना अधिक सबाब मिलता है।