फर्रुखाबाद: राज्यपाल के आदेश पर गुरुवार को लखनऊ से आये सहायक पुरातत्व अधिकारी ने यहां गणेशप्रसाद स्ट्रीट स्थित वर्मा की जन्मस्थली वाले मकान का सर्वेक्षण किया व मकान खरीदने वालों भी पूछताछ की।
हिंदी की महान कवयित्री महीयसी महादेवी मोहल्ला मकान बेचे जाने के मामले में गुरुवार को लखनऊ से आये सहायक पुरातत्व अधिकारी ने जांच पड़ताल की।
विदित है कि डॉ. शिवओम अंबर ने राज्यपाल को पत्र भेजकर महादेवी वर्मा की जन्मस्थली को उनकी स्मृति में संरक्षित किये जाने का अनुरोध किया था। राज्यपाल ने महादेवी वर्मा की जन्मस्थली को स्मृतिस्थल बनाने का प्रस्ताव शासन से मांगा था। इस पर जिलाधिकारी ने भी अपनी आख्या भेज दी थी। इसी क्रम में गुरुवार को सहायक पुरातत्व अधिकारी नृसिंह त्यागी नगर के मोहल्ला गणेशप्रसाद स्ट्रीट स्थित महादेवी वर्मा की जन्मस्थली पहुंचे। उन्होंने पास-पड़ोस से मकान के बारे में पूछताछ की। श्री त्यागी ने मकान का ताला खुलवाकर अंदर उसकी स्थिति देखी। कमरे गिने तथा मकान का नक्शा बनाया। पड़ोसियों से मकान का इतिहास पूछा। जन्मस्थली के पास के मकानों, जन्मस्थली तक जानेवाले रास्ते, गली आदि का जायजा लिया। उन्होंने जन्मस्थली के मकान की खरीददार पंकज गुप्त को से वार्ता की। पंकज ने बताया कि उन्होंने मकान अपनी पत्नी पिंकी के नाम कश्मीरादेवी से खरीदा है, जो इस समय कानपुर में रहती हैं।
श्री त्यागी ने बताया कि वह राज्यपाल के आदेश पर महादेवी वर्मा की जन्मस्थली का जायजा लेने आये हैं। उन्होंने बताया कि खरीदार का कहना है कि इस मकान को यदि सरकार अधिग्रहण कर इसे महादेवी वर्मा स्मृति स्मारक आदि कुछ बनाती है तो उन्हें कोई आपत्ति न होगी लेकिन सरकार उन्हें बाजार भाव पर इस मकान की कीमत का भुगतान कर दे। उन्होंने बताया कि वह अपनी आख्या राज्यपाल को प्रेषित कर देंगे।