फर्रुखाबाद: बीएड फीस के भरोसे अपनी काली कमाई की तिजोरी में बढोत्तरी के लिए प्रबंधको ने वसूली की इंतिहा कर दी है| गरीबी की श्रेणी में आने वाली एक बच्ची की बीएड फीस भरने के लिए उसकी माँ को अपना एक मात्र कीमती गहना मंगलसूत्र तक गिरवी रखना पड़ा| गिरवी के बदले मिली बीस हजार की रकम वो पहले ही दाखिले के समय जमा कर चुकी है मगर अभी भी कॉलेज वालों का कलेजा ठंडा नहीं पड़ा है| कल पहले पेपर से ठीक पहले एक रिश्तेदार से 10000 उधार लेकर उसे कॉलेज में जमा करने के बाद प्रवेश पत्र इस शर्त पर मिला है कि अंतिम पेपर से पहले वो बची हुई फीस 22000/- और चुकाएगी वरना…| हालाँकि उत्तर प्रदेश सरकार के रिकॉर्ड में इस बच्ची को उसने मुफ्त बीएड शिक्षा दिलवाई है क्यूंकि उसका दाखिला जीरो फीस वाली श्रेणी में हुआ है|
मामला जनपद फर्रुखाबाद का है| बच्ची का नाम और लेनदेन का खुलासा 8 अगस्त के बाद जब परीक्षाएं पूरी हो जाएँगी इसी खबर में कर दिया जायेगा| फिलहाल बच्ची के भविष्य को देखते हुए ये पूरा नहीं खोला जा सकता| पढ़ने में होशियार इस बच्ची का सपना है कि अगर उसका बी एड हो गया तो उसके परिवार को उसकी शादी के लिए दहेज़ में कुछ छूट मिल जाएगी| कैमरे को बचाने का प्रयास करती हुई अपनी बच्ची की आँखों में एक सुखद भविष्य का सपना देखते हुए माँ चोरी से अपनी नम आंखे पल्लू से पोछ लेती है| कहती है बेटी ने बचपन से गुल्लक में जो पैसे जमा किये थे उससे से फार्म भरा और प्रवेश परीक्षा और लखनऊ में काउंसलिंग के लिए आने जाने में खर्च कर दिया| पिता रोज कमाते खाते है| कॉलेज में जब किट खरीदने के लिए कहा गया तो उसकी एक सहेली ने मदद कर दी फिर बेटी ने दो ट्यूशन कर ली और सहेलिओं का कर्ज चूका दिया|
गोबर से लिपे आंगन के फर्श पर अचानक एक आंसू नीचे टपक कर माँ की आंख से गिर ही जाता है| कैमरा उसे कैद करता है और माँ से दूसरा सवाल भी? कैसे मंगलसूत्र छूटेगा? जबाब में एक साथ कई आंसू नीचे गिरने लगते है| बेटी आज दूसरा पेपर देने जा रही है जितना पढ़ा था वो माँ के आंसुओ में धुल न जाए इसलिए हमने भी ज्यादा सवाल नहीं किये, अपनी भर आई आँखों को संभाला और सोचा बाकी बात ८ अगस्त के बाद ही करेंगे|