भ्रमित और भयभीत भाजपा

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हर बार और हर समय अपने आपको अन्य दलों से अलग और श्रेष्ट होने का राग अलापने वाली भाजपा तेजी से बदल रही परिस्थितियों एवं घटनाओं के बीच दिन पर दिन भ्रमित और भयभीत होती जा रही है| प्रेस में सुर्खियाँ बटोरने को उतावले भाजपा के दिग्गज नेता जो बयानवाजी कर रहे हैं| उससे उनकी जंग हंसाई हो रही है| साथ ही साथ एक सुविचारित रणनीति बनाने और उस पर चलने की बात भी सिरे से गायब हो गयी है| २जी स्पेक्ट्रम घोटाला पर दूर संचार मंत्री ऐ राजा का कोर्ट में दिया गया बयान, राहुल गांधी के हर कार्यक्रमों को नौटंकी और ड्रामा बताने की होड़, गंगा सफाई अभियान के नाम पर राजनैतिक रोटियाँ सेकनें की कोशिशों, कैटरीना कैफ से पार्टी का प्रचार कराने की पहल, आतंकबाद के सम्बन्ध में लिप्तता तथा चल रही जांच आदि के चलते घबराई भाजपा की गाडी पटरी से कई बार उतरी है| डैमेज कंट्रोल के प्रयासों से स्थित सुधरने के बजाय बिगड़ी ही है| अब कर्नाटक प्रकरण के बाद अपनी श्रेष्टता का सदैव अहंकार पालने वाली भाजपा बुरी तरह भ्रमित और भयभीत हो गयी है|

इस वर्ष के प्रारम्भ में भाजपा देश के वातावरण को अपने और अनकूल बनाने के प्रयासों में अपने ऊर्जावान और बडबोले राष्ट्रीय अध्यक्ष के नेत्रत्व में लग गयी थी| भाजपा को शायद पहली बार ऐसा अध्यक्ष मिला जो बेख़ौफ़ सामान्यतः न किये जाने योग्य टिप्पणियाँ करता है| साथ ही सार्वजनिक रूप से यह भी कहता है कि वह मीडिया की बिलकुल परवाह नहीं करते| मीडिया में और मीडिया पर की गयी कथित अभद्र, अमर्यादित और अहंकार पूर्ण अपमानजनक टिप्पणियाँ परस्पर बयानवाजी की सीमित हलचल पैदाकर अपने आप अपनी मौत मर गई है| भाजपा को इन सबसे क्या मिला यह तो भाजपा जाने| परन्तु भाजपा अध्यक्ष की गरिमा और मर्यादा पर दाग लग गया| गंभीर से गंभीर विषयों पर उनकी टिप्पणियों और विचारों को अधिकांस लोगों ने गंभीरता से लेना बंद कर दिया है| देश की दूसरी सबसे बड़ी राजनैतिक पार्टी के लिए यह स्थित दुर्भाग्य पूर्ण ही कही जायेगी|

बहुचर्चित और देश की राजनीति को हिला देने वाले २जी स्पेक्ट्रम घोटाले के मुख्या आरपी पूर्व संचार मंत्री ऐ राजा ने सोमवार ( २५ जुलाई ) को अदालत में प्रधानमंत्री और तत्कालीन वित्तमंत्री को इस घोटालों में संलिप्त होने संबंधी बयान दिया| भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष ने गुड्डे गुड़ियों के खेल के इतरह प्रधान्म्नात्री और पूर्व वित्तमंत्री के त्याग पत्र की मांग ही नहीं कर डाली कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष को भी चुनौती दे डाली कि उनमे हिम्मत हो तो मनमोहन सिंह और चिदम्बरम को हटा कर दिखाएँ| आखिर इतना उतावलापन, अधीरता और जल्दबाजी किस लिए| ऐसी ही जल्दबाजी भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवानी ने सोनिया गांधी के विदेशी बैंको में कथित बैंक खातों के सम्बन्ध में पत्र लिखकर बैंक खाते न होने की बात कहने पर पूर्व उप प्रधानमंत्री ने सार्वजनिक रूप से माफी मांग ली थी| इस कारण बात आगे नहीं बड़ी| परन्तु भाजपा के ही कुछ नेताओं ने अपने ही नेता द्वारा माफी माँगने पर नाक भौंह सिकोड़ी थी|

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष की सोंच विचारधारा और योग्यता को लेकर किसी प्रकार का प्रश्न चिन्ह नहीं लगाना है| परन्तु उनकी अधीरता और जल्दबाजी समझ से परे हैं| भाजपा के कई दिग्गज नेता उच्चतम न्यायालय के नामी वकील हैं| २जी स्पेक्ट्रम घोटाले में पूर्व संचार मंत्री ऐ राजा की संलिप्तता को लेकर संसद और संसद से बाहर मोर्चा भाजपा ने ही खोला था| उन्हें हटाने और जेल भेजने की मांग की थी| ऐसे आरोपी को भी अपने बचाव में न्यायालय में कुछ भी कहने का अधिकार है| परन्तु आरोपी की दलीलों को न्यायालय के निर्णय से पूर्व ही प्रमाण मनाकर प्रधानमंत्री और पूर्व मंत्री पर टिप्पणियाँ करना बचकानापन ही कहा जाएगा| ऐ राजा ने अपने बयान में १९९३ के बाद से सभी दूर संचार मंत्रियों पर अभियोग चलाये जाने की बात कही| भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष को इस पर भी अपनी वेवाक राय देनी चाहिए|

ए राजा के न्यायालय में दिए गए बयान पर अपनी त्वरित टिप्पणियाँ देने वाले गडकरी कर्नाटक विवाद पर असहाय लाचार और खामोश क्यों है? यह दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि देश की राजनीति में पहले और दूसरे नंबर की हिसियत रखने वाली राष्ट्रीय पार्टियां भ्रष्टाचार को लेकर गंभीर नहीं है| वह स्वयं में आत्म मंथन करने के स्थान पर दूसरे को अधिक भ्रष्ट बताकर अपनी स्वयं की पीठ थप थपाने में ही अधिक आनंदित और गौरंवान्वित होती हैं|

राहुल गांधी कांग्रेस के महासचिव हैं| उन्हें अपनी राजनीतिक गतिविधियों से किसी से अनापत्ति प्रमाण पत्र की दरकार नहीं है| विरोधी दलों के लिए उनकी