नई दिल्ली. 2 जी स्पेक्ट्रम घोटाले के आरोपी पूर्व दूरसंचार मंत्री और डीएमके नेता ए. राजा ने आज सीबीआई की विशेष अदालत में कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की मौजूदगी में स्पेक्ट्रम की नीलामी का फैसला लिया गया था। ए. राजा ने कहा कि तत्कालीन वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने भी इसके लिए मंजूरी दी थी।
पूर्व दूरसंचार मंत्री ने एनडीए सरकार को भी इस दौरान लपेटते हुए कहा कि उन्होंने सिर्फ अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार की नीतियों का पालन किया था। राजा ने कहा कि अगर वह स्पेक्ट्रम के आवंटन के लिए दोषी हैं तो 1993 के बाद के सभी दूरसंचार मंत्रियों को मेरे साथ जेल में होना चाहिए। राजा ने 1993 के बाद के सभी दूरसंचार मंत्रियों के कामकाज की जांच की मांग की।
इस बीच, कोर्ट में राजा के बयान से उनकी पार्टी डीएमके ने दूरी बना ली है। डीएमके के सूत्रों के हवाले से मीडिया में आ रही खबरों में कहा जा रहा है कि पार्टी राजा द्वारा प्रधानमंत्री का नाम लिए जाने को सही नहीं मान रही है। वहीं, पी. चिदंबरम ने अपना बचाव करते हुए कहा कि उनकी मंजूरी से हुई नीलामी किसी विदेशी कंपनी को स्पेक्ट्रम की नीलामी नहीं की गई थी। उन्होंने कहा कि स्वैन टेलीकॉम और यूनीटेक को स्पेक्ट्रम की नीलामी नहीं की गई थी।